आपदाग्रस्त कुल्लू पहुंचे CM सुक्खू: पीड़ितों का दर्द सुन दिए हरसंभव मदद के निर्देश

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By Hills Post

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की भारी तबाही के बीच मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू आज आपदा की मार झेल रहे कुल्लू जिले के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने जमीनी स्तर पर नुकसान का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों से मिलकर उनका दर्द बांटा। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन देते हुए अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री आज सुबह शिमला के जुब्बड़हट्टी से वायुसेना के हेलीकॉप्टर में राशन और अन्य आवश्यक सामग्री लेकर सीधे कुल्लू के लिए रवाना हुए थे। उन्होंने सबसे पहले मनाली के वशिष्ठ चौक, बाहंग, ओल्ड मनाली और कुल्लू के अखाड़ा बाजार जैसे बुरी तरह प्रभावित इलाकों का दौरा किया। यहाँ उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान का निरीक्षण किया और पीड़ितों से सीधे संवाद कर उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) के अधिकारियों को वशिष्ठ में क्षतिग्रस्त सड़क को युद्धस्तर पर बहाल करने का निर्देश दिया और भूस्खलन में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।

सरकार की प्राथमिकता: बहाली और राहत

कुल्लू में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “इस वर्ष मॉनसून ने प्रदेश में भारी तबाही मचाई है। हमारी पहली प्राथमिकता सड़कों, बिजली और पानी जैसी आवश्यक सेवाओं को तत्काल बहाल करना है।” उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार आपदा प्रभावितों की मदद के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

  • मणिमहेश में बचाव अभियान: चम्बा के मणिमहेश में फंसे श्रद्धालुओं को निकालने के लिए सेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों की मदद ली गई। कल ही 605 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालकर एचआरटीसी की बसों से निःशुल्क उनके घरों के लिए रवाना किया गया।
  • किसानों-बागवानों को मदद: सरकार किसानों और बागवानों की फसलों को मंडियों तक पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है ताकि उन्हें आर्थिक नुकसान न हो।
  • आर्थिक सहायता: जिन परिवारों के घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं, उन्हें राज्य सरकार 7.70 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।

केंद्र पर साधा निशाना, भाजपा से की अपील

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से प्रभावितों की मदद कर रही है और अब तक केंद्र सरकार से कोई सहायता प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा, “हमने केंद्र से आग्रह किया है कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर बसाने के लिए वन भूमि से एक-एक बीघा जमीन देने की अनुमति दी जाए। भाजपा नेताओं और सांसदों को केवल सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने के बजाय, प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज और इस जमीन के लिए केंद्र पर दबाव बनाना चाहिए। कांग्रेस के नेता जमीन पर उतरकर लोगों की मदद कर रहे हैं।”

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने मंडी और कुल्लू जिलों के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया। इस दौरे पर उनके साथ विधायक सुंदर सिंह ठाकुर एवं भुवनेश्वर गौड़ तथा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

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