एनसीसी सिर्फ गतिविधि नहीं, जीवन जीने की पद्धति है: लेफ्टिनेंट कर्नल जे.एस. चौहान

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By पंकज जयसवाल

नाहन : राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), जिसकी स्थापना वर्ष 1948 में स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा की गई थी, का उद्देश्य युवाओं में अनुशासन, नेतृत्व क्षमता, राष्ट्र सेवा और चरित्र निर्माण की भावना विकसित करना रहा है। आज जब समाज तेजी से आधुनिकता और तकनीक की ओर बढ़ रहा है, ऐसे समय में युवाओं में राष्ट्रीय मूल्यों और राष्ट्र प्रथम की भावना का संरक्षण और संवर्धन अत्यंत आवश्यक हो गया है।

इसी दिशा में जिला सिरमौर में 1 एचपी बटालियन एनसीसी नाहन के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल जे.एस. चौहान ने युवाओं के लिए एक स्पष्ट और प्रेरणादायक विज़न प्रस्तुत किया है। कर्नल चौहान ने कहा कि “एनसीसी केवल गतिविधि नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक पद्धति है।”

उन्होंने बताया कि एनसीसी युवाओं को अनुशासन, जिम्मेदारी, आत्मविश्वास, मानवता और नेतृत्व की मजबूत नींव प्रदान करता है। उनका लक्ष्य है कि जिला सिरमौर का प्रत्येक कैडेट न केवल वर्दीधारी अनुशासित युवा बने, बल्कि अपने व्यक्तित्व, विचार और व्यवहार में एक आदर्श नागरिक के रूप में विकसित हो।

वर्तमान में जिला सिरमौर के विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों में एनसीसी प्रशिक्षण और गतिविधियाँ सक्रिय रूप से आयोजित की जा रही हैं। प्रशिक्षण के तहत कैडेटों को ड्रिल एवं परेड, योगाभ्यास, मैप रीडिंग, फायरिंग, शारीरिक फिटनेस, व्यक्तित्व विकास और नेतृत्व क्षमता का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सामुदायिक सेवा, जागरूकता अभियानों में सहभागिता, आपदा प्रबंधन एवं फर्स्ट एड प्रशिक्षण भी निरंतर चल रहे हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से कैडेट न केवल अपने कौशल, आत्मविश्वास और अनुशासन को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि समाज में भी जागरूकता, सहयोग और जिम्मेदारी की प्रेरक भूमिका निभा रहे हैं।

कर्नल चौहान के अनुसार, यदि राष्ट्र को मजबूत बनाना है, तो पहले युवाओं को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और नैतिक रूप से मजबूत बनाना होगा। उन्होंने कहा कि एनसीसी युवाओं के लिए सेना, CAPFs, पुलिस व अन्य सुरक्षा बलों के साथ-साथ प्रशासनिक सेवाओं में करियर के महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। एनसीसी ‘सी’ प्रमाणपत्र युवाओं के लिए अवसरों की व्यापक संभावनाएँ खोलता है।

आने वाले समय में सिरमौर के एनसीसी कैडेटों को वनाग्नि, भूकंप, सड़क दुर्घटनाएँ और अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में प्रशिक्षित मानव शक्ति के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है। ऐसे समय पर एनसीसी एक सशक्त सहयोगी बल साबित हो सकता है।

1 एचपी बटालियन एनसीसी नाहन के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल जे.एस. चौहान का स्पष्ट विज़न है कि एनसीसी का उद्देश्य केवल प्रशिक्षण, वर्दी और परेड तक सीमित नहीं है, बल्कि युवाओं को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और नैतिक रूप से सशक्त बनाकर आदर्श नागरिक तैयार करना है। उनका मानना है कि एक अनुशासित, जिम्मेदार और राष्ट्रभक्त युवा ही देश को सशक्त और सुरक्षित भविष्य दे सकता है। कर्नल चौहान के अनुसार, राष्ट्र निर्माण की पहली शर्त है—मजबूत युवा शक्ति का निर्माण। उन्होंने यह भी कहा कि एनसीसी युवाओं को सेना, CAPFs, पुलिस, सुरक्षा बलों और प्रशासनिक सेवाओं में करियर के व्यापक अवसर प्रदान करता है तथा ‘सी’ प्रमाणपत्र युवाओं के लिए सफलता का एक बड़ा मंच तैयार करता है।

कर्नल चौहान ने कहा “जब युवा बदलते हैं तो परिवार बदलता है। जब परिवार बदलता है तो समाज बदलता है। और जब समाज बदलता है—तब एक महान राष्ट्र का निर्माण होता है।” उन्होंने अभिभावकों, शिक्षकों और समाज के नागरिकों से आग्रह किया कि वे युवाओं को राष्ट्रीय मूल्यों से जोड़ें और एनसीसी में सहभागिता के लिए प्रेरित करें।

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पंकज जयसवाल

पंकज जयसवाल, हिल्स पोस्ट मीडिया में न्यूज़ रिपोर्टर के तौर पर खबरों को कवर करते हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 2 वर्षों का अनुभव है। इससे पहले वह समाज सेवी संगठनों से जुड़े रहे हैं और हजारों युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा देने के साथ साथ रोजगार दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।