शिमला: एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में मंगलवार को लोकतंत्र का एक जीवंत रूप देखने को मिला, जहां आयोजित ‘छात्र संसद’ सत्र में छात्रों ने राष्ट्रीय और शैक्षणिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी। इस सत्र में सत्तापक्ष की कमान कुश शर्मा ने संभाली, जबकि विपक्ष का नेतृत्व जानवी रंजन ने किया। वहीं, डीन (फैकल्टी) डॉ. अश्वनी शर्मा ने स्पीकर की भूमिका निभाते हुए सदन की कार्यवाही का संचालन किया।
सत्र के दौरान सदन में तीन प्रमुख मुद्दों पर तीखी और तर्कपूर्ण बहस हुई। छात्रों ने सबसे पहले इस बात पर चर्चा की कि क्या भारत में ईवीएम सुरक्षित हैं या देश को फिर से पारंपरिक बैलेट पेपर व्यवस्था अपनानी चाहिए। इसके अलावा, विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव होने चाहिए या मेरिट के आधार पर सीआर चयन प्रणाली बेहतर है, और क्या भारत एक सफल लोकतंत्र का जीवंत उदाहरण है, इन विषयों पर भी पक्ष और विपक्ष ने जमकर अपनी दलीलें पेश कीं।

पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्यार सिंह ठाकुर के निर्देशन में हुए इस आयोजन में रजिस्ट्रार डॉ. राम लाल शर्मा और डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. नीलम शर्मा ने छात्रों की तार्किक क्षमता की सराहना की। वहीं कंप्यूटर साइंस विभाग के अश्वनी शर्मा, डॉ. विजयश्री और पत्रकारिता विभाग के सहायक प्रोफेसर ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम योगदान दिया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे छात्रों में नेतृत्व क्षमता और संसदीय प्रक्रिया की समझ बढ़ाने वाला एक सफल प्रयास बताया।