ऑडिट सिर्फ औपचारिकता नहीं, सुशासन की नींव, शिमला में बोले राज्यपाल

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By Hills Post

शिमला: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने गुरुवार को शिमला में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) कार्यालय द्वारा आयोजित ‘ऑडिट वीक 2025’ का शुभारंभ किया। ऐतिहासिक गॉर्टन कैसल में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने ऑडिट को लोकतंत्र का एक अहम स्तंभ बताया।

राज्यपाल ने कहा कि सुशासन की विश्वसनीयता ऑडिट से जुड़े पेशेवरों की मेहनत और सतर्कता पर टिकी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऑडिट केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने का माध्यम है कि जनता का पैसा सही जगह और ईमानदारी से खर्च हो।

पहाड़ी राज्य में तकनीक का इस्तेमाल जरूरी

राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में, जहां भौगोलिक चुनौतियां और प्राकृतिक आपदाएं आम हैं, वहां योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचाने में ऑडिट की भूमिका और बढ़ जाती है। उन्होंने खुशी जताई कि हिमाचल के ऑडिट कार्यालयों ने ‘डिजिटल वर्कफ़्लो’ और ‘डेटा एनालिटिक्स’ जैसी आधुनिक तकनीकें अपनाई हैं, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है।

इस वर्ष का विषय ‘सुशासन और वित्तीय अनुशासन के लिए सहयोगात्मक प्रतिबद्धता’ रखा गया है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय लेखा एवं लेखा परीक्षा अकादमी के महानिदेशक एस. आलोक ने बताया कि विभाग अब जोखिम-आधारित और नागरिक-केंद्रित ऑडिटिंग पर जोर दे रहा है।

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