मंडी: स्वास्थ्य विभाग मंडी द्वारा जिला स्तरीय विश्व मलेरिया जागरूकता शिविर का आयोजन आज सिविल अस्पताल डैहर में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 दिनेश ठाकुर ने की । व्यापर मंडल डैहर के प्रधान मनोहर लाल चड्ढा मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में सम्मिलित हुए ।

इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 दिनेश ठाकुर ने बताया की मलेरिया दिवस पूरे विश्व में प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है । उन्होंने कहा कि मलेरिया एक घातक संक्रामक रोग है, जो कि मलेरिया परजीवी मादा एनाफ्लिज मछर के काटने से होता है । यह मुख्य रूप से दो प्रजातियो में पाया जाता है जिसे प्लासमोडियम विवेक्स और प्लासमोडियम फल्सिपेर्म का संक्रमण सर्वाधिक होता है । यदि किसी व्यकित में मलेरिया के लक्षण, जिसमें बुखार, ठण्ड लगना, कंपकंपी होना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान होना तथा पसीना आये तो तुरंत डॉ0 के पास आ कर रक्त की जाँच व् मलेरिया स्लाइड बनाकर प्रयोगशाला भेजें । यदि  मलेरिया का संक्रमण हो तो तुरंत उपचार के बाद व्यक्ति पूर्णतय ठीक हो जाता है।

डॉ0 अभिषेक चौधरी ने बताया कि इस रोग की रोकथाम के लिए बरसात के मौसम में मच्छरों को पनपने न दें। छतों पर रखें फूलदान, पुराने टायर और कूलर आदि के अंदर पानी न भरने दें तथा आसपास के स्थानों की साफ़ सफाई रखें । उन्होंने बताया कि लक्षण दिखने पर तुरंत डॉ0 को सम्पर्क करें, क्योंकि मलेरिया का ईलाज व् उपचार दोनों सम्भव है, परन्तु जागरूकता के अभाव से विश्व में लाखों लोग मलेरिया जैसे संक्रामक रोक के कारण मृत्यु का शिकार हो जाते हैं।

 स्वास्थ्य शिक्षक सोहन लाल ने बताया कि यह बीमारी अधिकतर बारिश के मौसम में होती है और जहाँ जहाँ पानी ईकठा होता है वहां मच्छर पनपते हैं और गर्भवती महिलाओं छोटे बच्चों, बजुर्गों को अपना शिकार बनाते हैं, यही कारण है कि भारत वर्ष में हर वर्ष दो लाख मौतें हो रही है।

इस अवसर पर स्कूली विद्यार्थियों, आशा व स्वास्थ्य कार्यकर्ता और महिला मंडलों ने एक जागरूकता रैली निकल कर लोगों को मलेरिया से बचाव के लिए जागरूक किया ।    कार्यक्रम के अंत में स्थानीय व्यपार मंडल के प्रधान मनहोर लाल चढा ने लोगों को इस रोग से बचने के लिए जरूरी कदम उठाने का सुझाव दिया ।

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