सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी ने सोमवार को अपना 41वां स्थापना दिवस नवाचार और फसल विविधीकरण के संकल्प के साथ मनाया। डॉ. एल.एस. नेगी सभागार में आयोजित इस समारोह में कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल मुख्य अतिथि रहे, जबकि प्रसिद्ध शिक्षाविद् और सत्यानंद स्टोक्स के पौत्र डॉ. विजय कुमार स्टोक्स ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।
कुलसचिव सिद्धार्थ आचार्य ने अतिथियों का स्वागत किया। अपने संबोधन में प्रो. चंदेल ने डॉ. यशवंत सिंह परमार की दूरदर्शी सोच को नमन करते हुए कहा कि वैज्ञानिकों और किसानों के साझा प्रयासों ने हिमाचल को बागवानी में अग्रणी बनाया है। मुख्य वक्ता डॉ. विजय कुमार स्टोक्स ने आईआईटी कानपुर से लेकर ऐतिहासिक हार्मनी हॉल ऑर्चर्ड्स के पुनरोद्धार तक की अपनी यात्रा साझा की। उन्होंने युवा शिक्षकों को “आउट ऑफ द बॉक्स” सोचने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में अनुकूल शिक्षा अपनाने की सलाह दी।

समारोह का मुख्य आकर्षण सम्मान समारोह रहा, जिसमें पांच प्रगतिशील किसानों को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। इनमें कांगड़ा के कर्नल प्रकाश चंद राणा, ज्वाली के आशीष सिंह राणा, कोटगढ़ के अनूप भलैक, रोहड़ू के सनी चौहान और दिलमन के ओम प्रकाश शामिल हैं।
इसके अलावा विश्वविद्यालय ने अपने उत्कृष्ट कर्मचारियों को भी सम्मानित किया। शिक्षण श्रेणी में डॉ. सुभाष चंद वर्मा और डॉ. नवीन शर्मा को पुरस्कार मिला। गैर-शिक्षक वर्ग में राजीव शर्मा और राकेश महेव, तकनीकी वर्ग में गनदेव ठाकुर और अशोक वर्मा, तथा सहायक स्टाफ में तारा चंद और मोहन लाल को सम्मानित किया गया। संबद्ध स्टाफ से सुचेत अत्री और विनोद शर्मा, जबकि स्वच्छता सेवाओं के लिए मीरा शर्मा और ओम प्रकाश को सम्मान मिला।
कार्यक्रम के अंत में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के बीच एक रोमांचक वॉलीबॉल मैच भी खेला गया, जिसे गैर-शिक्षण कर्मचारियों की टीम ने जीत लिया।