नाहन : प्रवर्तन निदेशालय (ED) शिमला ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व जिला कोष अधिकारी (DTO) नाहन सतीश कुमार की एक अचल संपत्ति को अस्थायी रूप से अटैच कर दिया है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है। अटैच की गई संपत्ति पंजाब के मोहाली जिले के खरड़ स्थित सनी एन्क्लेव में 200 वर्ग गज का प्लॉट तथा उस पर बना भवन है, जिसकी कीमत लगभग 1.84 करोड़ रुपये आंकी गई है।
FIR से लेकर सजा तक — पूरा मामला
ईडी ने अपनी जांच पुलिस स्टेशन नाहन में दर्ज एक एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। सतीश कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के कई प्रावधानों के तहत मामला दर्ज था। पुलिस ने 31 मई 2023 को चालान दायर किया था। मामले की सुनवाई के बाद सतीश कुमार को विशेष न्यायाधीश, सिरमौर (नाहन) द्वारा दोषी करार देते हुए सजा सुनाई जा चुकी है।

ई-पेंशन सॉफ्टवेयर से की करोड़ों की हेराफेरी
ईडी की जांच में यह महत्वपूर्ण खुलासा हुआ कि वर्ष 2012 से 2018 के दौरान जिला कोष अधिकारी (DTO) नाहन के रूप में कार्यरत सतीश कुमार ने ई-पेंशन सॉफ्टवेयर में व्यवस्थित तरीके से हेराफेरी की। आरोप है कि उन्होंने सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ कर 95 पेंशनरों की पेंशन राशि को वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचाने के बजाय अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवाया। कुल 1,68,66,371 रुपये की यह रकम उन्होंने अपने, पत्नी और बच्चों के व्यक्तिगत बैंक खातों में डलवाई, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग कर बड़ी वित्तीय अनियमितता को अंजाम दिया गया।
हेराफेरी की रकम से खरीदी मोहाली में प्रॉपर्टी
जांच में यह भी सामने आया कि सतीश कुमार ने अवैध रूप से अर्जित धन (proceeds of crime) का इस्तेमाल सनी एन्क्लेव, मोहाली में प्लॉट खरीदने और उस पर घर बनाने में किया। इससे उसने अवैध धन को वैध दिखाने (लॉन्ड्रिंग) की कोशिश की।
ईडी ने बताया कि प्रॉपर्टी का मौजूदा बाजार मूल्य 1,84,91,651 रुपये है। चूंकि पेंशन हेराफेरी से प्राप्त 1,68,66,371 रुपये उसी में निवेश किए गए थे, इसलिए इसे PMLA के तहत अस्थायी रूप से अटैच कर दिया गया है।
ईडी ने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है, ताकि पूरे मनी ट्रेल और संभावित अन्य संपत्तियों का भी पता लगाया जा सके।