नाहन : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पच्छाद क्षेत्र की विधायक रीना कश्यप द्वारा पूछे गए प्रश्न पर उप-मुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री ने प्रदेश में बस सेवाओं की मौजूदा स्थिति पर विस्तृत जानकारी सदन के समक्ष रखी। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश के विभिन्न रूटों पर बसों की उपलब्धता, आय की स्थिति, अंतर्राज्यीय समझौते और सब-डिपो में संसाधनों की कमी सीधे तौर पर सेवाओं के संचालन को प्रभावित कर रही है।
सरकार ने सदन को अवगत करवाया कि राजगढ़ से शिमला के लिए सीधी बस सेवा फिलहाल सुचारू रूप से संचालित की जा रही है। यह बस लानी-बोराड से ढली तक प्रतिदिन दोपहर 02:50 बजे चलती है, जिससे क्षेत्र के लोगों को राजधानी तक पहुंचने में राहत मिल रही है। हालांकि, विधायक द्वारा उठाए गए राजगढ़ से चंडीगढ़, दिल्ली और हरिद्वार के लिए सीधी बस सेवाएं शुरू करने के सुझाव पर विभाग ने अपनी असमर्थता जताई। उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि इन रूटों को शुरू करना वर्तमान में इसलिए संभव नहीं है, क्योंकि HRTC के पास पर्याप्त बसें उपलब्ध नहीं हैं, और ये रूट अंतर्राज्यीय समझौते में शामिल नहीं हैं, जिसके कारण दूसरे राज्यों से अनुमति प्राप्त करना भी संभव नहीं है।

सदन में चर्चा के दौरान सरकार ने यह भी बताया कि जामन की सेर–नालागढ़ बस सेवा को कम आय और यात्रियों की बेहद कम संख्या के चलते पहले ही बंद किया जा चुका है। विभाग के अनुसार, इस रूट पर नियमित यात्री उपलब्ध नहीं थे, जिसके कारण संचालन आर्थिक रूप से घाटे का सौदा बन गया था। इस स्थिति में, सेवा को दोबारा शुरू करना भी अभी संभव नहीं है।
बसों की कमी का मुद्दा सराहां सब-डिपो में भी गंभीर रूप से मौजूद है। परिवहन विभाग ने स्वीकार किया कि सब-डिपो सराहां में बसों की संख्या सीमित होने के कारण कई रूट प्रभावित हो रहे हैं। इसी कमी के चलते सराहां से सोलन वाया देवल टिक्करी (प्रातः 08:30 बजे) चलने वाली बस सेवा को बंद करना पड़ा है। उप-मुख्यमंत्री ने सदन को भरोसा दिलाया कि HRTC द्वारा नई बसों की खरीद प्रक्रिया प्रगति पर है और जैसे ही खरीद पूरी होती है, नाहन डिपो को निर्धारित शेड्यूल के अनुसार नई बसें आवंटित कर दी जाएंगी, जिससे बंद पड़े रूटों को बहाल किया जा सकेगा।