नाहन : हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला की तहसील शिलाई के वीरेंद्र सिंह पुत्र बारू राम समाज सेवा की अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं , जो बेला पंचायत के उपप्रधान और एक समर्पित CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) संचालक हैं। वे पिछले कई सालों से लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। उनका मुख्य फोकस आयुष्मान भारत योजना पर है, जिसके तहत वे 70 साल से अधिक उम्र के बीमार और घायल लोगों के लिए आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड बना रहे हैं।
वीरेंद्र सिंह बताते हैं कि उन्होंने 2019 से अब तक 20,000 से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए हैं। सबसे खास बात यह है कि वे स्वयं 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को चंडीगढ़ पीजीआई, इंद्रेश, जॉली ग्रांट, आईजीएमसी, एम्स, पांवटा और नाहन जैसे अस्पतालों में 200 से 300 बार ले जाकर न केवल उनके कार्ड बनवाते रहे, बल्कि उनका इलाज भी सुनिश्चित करवाते रहे। इस सेवा भाव के माध्यम से उन्होंने पात्र लोगों को केंद्र सरकार की ₹5 लाख तक की स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिलाया।

वीरेंद्र और उनकी टीम केवल एक जगह बैठकर काम नहीं करती। वे घर-घर जाकर 70 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाते हैं। यह सेवा इस समय भी जारी है, और शिलाई व पावंटा साहिब के शिवपुरी तक की पंचायतों में अब तक 18,000 आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। उनका मानना है कि समस्याओं का हल उनके ही गाँव और क्षेत्र में जाकर होना चाहिए।
आयुष्मान कार्ड के अलावा, वीरेंद्र सिंह और उनकी टीम अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी लोगों तक पहुँचा रही है। वे उज्ज्वला योजना (मुफ्त गैस कनेक्शन), पेंशन योजना और अन्य ऑनलाइन कामों में भी लोगों की मदद करते हैं। उनका उद्देश्य ज़्यादा से ज़्यादा ज़रूरतमंदों को सरकारी सहायता दिलवाना है।
पिछले पाँच सालों में बेला-बशवा पंचायत के उपप्रधान के तौर पर वीरेंद्र सिंह ने अपनी पंचायत के विकास कार्यों और समस्याओं को हल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका यह निस्वार्थ सेवा भाव कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।