सोलन: हिमाचल प्रदेश में बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए शूलिनी विश्वविद्यालय आगे आया है। विश्वविद्यालय ने मंडी और कुल्लू जिलों के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में लगभग 3,500 किलोग्राम राहत सामग्री भेजी है, जिसमें घरेलू सामान, भोजन और कपड़े शामिल हैं। यह सामग्री प्रभावित इलाकों तक पहुंच चुकी है, जहां स्थानीय स्वयंसेवक इसे जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचा रहे हैं।
यह मानवीय पहल विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों के विशेष योगदान से संभव हुई, जिन्होंने अपने वेतन का एक हिस्सा दान करने का संकल्प लिया। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने भी उतनी ही राशि का योगदान दिया, जिससे कुल 300 राहत किट तैयार की गईं। इन किटों को बाढ़ पीड़ितों की तत्काल जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया था। इनमें तिरपाल, बर्तन और कंबल वाली घरेलू स्टार्टर किट, चावल, आटा और दालों जैसी सूखी राशन सामग्री, और महिलाओं के लिए सलवार सूट व व्यक्तिगत सामान वाली विशेष किट शामिल हैं।

जमीनी स्तर पर राहत सामग्री के वितरण का काम युवा स्वयंसेवक निखिल सैनी और उनकी टीम संभाल रही है, ताकि यह मदद उन परिवारों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
इस पहल पर शूलिनी विश्वविद्यालय की ट्रस्टी और मुख्य शिक्षण अधिकारी डॉ. आशु खोसला ने कहा कि हालांकि यह सामग्री बाढ़ में अपना घर और आजीविका खो चुके लोगों के दर्द को कम नहीं कर सकती, लेकिन यह एकजुटता और करुणा का एक संदेश है। इस मुश्किल घड़ी में यह हिमाचल के लोगों को बताने का हमारा तरीका है कि हम उनके साथ खड़े हैं।