नाहन : शिमला से सरकारी विभागों का बोझ कम करने की बात कोई नई नहीं है। पिछली कई सरकारों ने विभागों को शिमला से बाहर शिफ्ट करने की घोषणाएं की हैं, लेकिन विभागों को केवल कुछ ही ज़िलों में स्थानांतरित करने की चर्चाएं होती रही हैं। कुछ जिले ऐसे भी हैं, जहां उपयुक्त सुविधाओं के साथ-साथ संसाधन भी हैं।
सिरमौर जिला में भी न केवल भौगोलिक रूप से उपयुक्त स्थान है, बल्कि नाहन में ऐसा तैयार बुनियादी ढांचा भी मौजूद है जो किसी भी राज्य स्तरीय विभाग के मुख्यालय को तत्काल जगह दे सकता है। नाहन शहर के बीचों बीच 26 बीघा में फैला नाहन फाउंड्री परिसर, जहां कभी औद्योगिक गतिविधियाँ हुआ करती थीं, अब एक खाली जगह बन चुका है।
पूर्व की सरकार के कार्यकाल में कला एवं संस्कृति विभाग के बजट से यहां करीब 28 करोड़ रुपये की लागत से एक बहुमंजिला सरकारी इमारत बनाई गई, जो आज भी खाली पड़ी है। यह भवन सुरक्षा, पहुंच और संसाधनों की दृष्टि से किसी भी विभाग के मुख्यालय के लिए उपयुक्त है।

स्थानीय लोगों ने सरकार से नाहन के इस स्थान को किसी विभाग के मुख्यालय के लिए उपयोग करने का सुझाव दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि राज्य सरकार में जिला से उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान (शिलाई), विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार (श्री रेणुका जी) और मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले विधायक अजय सोलंकी (नाहन) जैसे कद्दावर नेता हैं और सत्ता में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। स्थानीय लोगों का सवाल है कि इतनी मजबूत राजनीतिक मौजूदगी है, तो सिरमौर को प्राथमिकता क्यों नहीं मिल रही?
वहीं इस विषय में जब उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान से बात की गई तो उन्होंने कहा है कि वह मुख्यमंत्री से इस मामले में बात करेंगे और नाहन फाउंड्री परिसर के उपयोग को लेकर रिपोर्ट मंगवाएंगे। उधर श्री रेणुका जी क्षेत्र से विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार ने कहा कि यदि सरकार शिमला का बोझ कम करने के लिए अन्य जिलों में मुख्यालय शिफ्ट करती है, तो जिला सिरमौर के दावे पर भी गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में मुख्यमंत्री से बात करेंगे और नाहन फाउंड्री परिसर में बनी ईमारत एक बेहतर विकल्प है।
नाहन विधानसभा क्षेत्र के विधायक अजय सोलंकी ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में पहले से है और नाहन फाउंड्री परिसर में सरकारी विभाग का मुख्यालय शिफ्ट करने की बात मुख्यमंत्री के ध्यान में लाई गई है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1983 में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का कार्यालय शिमला से धर्मशाला ले जाया गया था। इसके बाद तकनीकी शिक्षा निदेशालय को सुंदरनगर और मत्स्य विभाग को बिलासपुर स्थानांतरित किया गया। अब सिरमौर के लोगों ने भी मांग की है कि एक विभाग का मुख्यालय नाहन भी स्थानांतरित किया जाना चाहिए।