नाहन : जिला सिरमौर में टीबी के साथ जी रहे और उनके परिजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव सामने आया है। आज टीबी चैंपियन अनिल ठाकुर ने यूको RSETI सिरमौर के निदेशक मंजीत कौर के समक्ष सुझाव रखा कि टीबी के साथ जी रहे व्यक्ति के परिवार का एक सदस्य, पात्रता के आधार पर, संस्थान द्वारा संचालित लगभग 45 प्रशिक्षण कार्यक्रमों में से किसी एक प्रशिक्षण सत्र में प्राथमिकता के साथ भाग ले सके।
प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि यदि परिवार का कोई सदस्य प्रशिक्षण लेना न चाहे तो उपचार पूरा करने के बाद स्वस्थ हो चुका स्वयं भी इसमें शामिल हो सकता है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद लाभार्थियों को किसी भी बैंक से 25 से 35 लाख रुपये तक का ऋण 25% से 35% अनुदान राशि के साथ उपलब्ध हो सकेगा। इसमें 3 लाख रुपये तक के ऋण पर किसी भी प्रकार की गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी।

प्रशिक्षण अवधि के दौरान खाने-रहने का कोई शुल्क नहीं लगेगा और प्रशिक्षण पूरी तरह निशुल्क प्रदान किया जाएगा। निदेशक महोदया ने इस प्रस्ताव को सकारात्मक रूप से स्वीकार करते हुए जल्द कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया। प्रस्ताव के लागू होने से न केवल टीबी प्रभावित परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि यह पहल टीबी मुक्त भारत अभियान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
यह पहल जिले में टीबी के साथ जी रहे और उनके परिजनों के लिए न केवल आत्मनिर्भर बनने का अवसर उपलब्ध कराएगी, बल्कि समाज में उनकी आर्थिकी को सशक्त करने में भी मददगार साबित हो सकती है।