नाहन : हिमाचल प्रदेश नई पेंशन योजना कर्मचारी संघ तथा हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ, जिला सिरमौर के अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर ने चोड़ा मैदान शिमला में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्राथमिक शिक्षक संघ के नेताओं के निलंबन पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगें रखने वाले शिक्षकों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई लोकतांत्रिक व्यवस्था के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। इससे कर्मचारियों और सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा होगी, जो प्रदेश के विद्यार्थियों के हित में नहीं है।
संघ अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर ने मांग की कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर जिला व राज्य स्तर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए हैं, यह कोई नई घटना नहीं है। पुंडीर ने माननीय शिक्षा मंत्री से अपील की कि वे इस मामले में हस्तक्षेप कर निलंबन को तुरंत रद्द करवाएं तथा प्राथमिक शिक्षक संघ से वार्ता कर उनकी मांगों का न्यायोचित समाधान करें।

उन्होंने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ है और इसमें प्रारंभिक शिक्षकों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए शिक्षा विभाग में हो रहे मौलिक परिवर्तनों में शिक्षक संगठनों के सुझावों को भी उचित महत्व मिलना चाहिए।
सुरेंद्र पुंडीर ने प्रदेश में हो रहे शैक्षणिक सुधारों को ऐतिहासिक बताया और कहा कि इन सुधारों को व्यवहारिक बनाने के लिए विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को विश्वास में लेना अनिवार्य है। उन्होंने सुझाव दिया कि नीति निर्धारकों की अवधारणाओं को जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन कर रहे अधिकारियों व शिक्षकों तक स्पष्ट रूप से पहुंचाया जाए ताकि सहयोग की भावना के साथ विद्यार्थी हित में किए जा रहे परिवर्तनों को सफल बनाया जा सके।
अंत में, संघ अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में हो रहे अभूतपूर्व और मौलिक सुधारों पर सभी संबंधित पक्षों — विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों — के सुझावों को गंभीरता से विचार कर लागू किया जाना चाहिए, जिससे प्रदेश की शिक्षा प्रणाली और अधिक मजबूत बन सके।