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    Home»हिमाचल»शिमला»सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 53वें राज्य स्तरीय पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह की अध्यक्षता की
    शिमला

    सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 53वें राज्य स्तरीय पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह की अध्यक्षता की

    संवाददाताBy संवाददाताजनवरी 25, 20237 Mins Read
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    हिमाचल प्रदेश के 53वें पूर्ण राज्यत्व दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बाल) हमीरपुर में उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और पुलिस, होमगार्ड, भारतीय रिज़र्व बटालियन सकोह, एनसीसी तथा स्काउट एवं गाईड की टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्चपास्ट की सलामी ली। मार्चपास्ट का नेतृत्व उप पुलिस अधीक्षक अंकित शर्मा ने किया। 

    इस अवसर पर सम्बोधन के दौरान प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक हिमाचलवासी ने राज्य के विकास की लंबी यात्रा में अपना योगदान दिया है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस पहाड़ी राज्य की प्रगति में प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार के योगदान का भी स्मरण किया। उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर, 2022 को प्रदेश की नई सरकार ने कार्यभार संभाला और व्यवस्था को सुधारने के लिए तेजी से काम करना आरम्भ किया। वर्तमान सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति है और सत्ता संभालने के बाद भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पेपर लीक मामले में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग, हमीरपुर को निलंबित कर दिया गया है और अब चयन पूर्ण रूप से योग्यता के आधार पर निष्पक्षता और पारदर्शी तरीके से किया जाएगा। 

    ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपये का ऋण विरासत में मिला है। कर्मचारियों को एरियर के रूप में 4,430 करोड़ रुपये, पेंशनरों की देनदारी 5,226 करोड़ रुपये तथा कर्मचारियों और पेंशनरों को डीए 1,000 करोड़ रुपये बकाया हैं। इसके अलावा, पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल के अन्तिम 9 महीनों में बजट का प्रावधान किए बिना 900 संस्थान खोले और स्तरोन्नत किए, इससे प्रदेश पर 5,000 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ पड़ा। एनपीएस के लगभग 8,000 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार के पास हैं। इन सभी कठिन परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया है, जिससे राज्य के लगभग 1.36 लाख कर्मचारियों को लाभ हुआ है।

    उन्होंने कहा कि ओपीएस को बहाल करना राजनीतिक निर्णय नहीं है अपितु यह निर्णय सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों के आत्मसम्मान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है, क्योंकि कर्मचारियों की राज्य के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पेंशनरों को लाभ प्रदान करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। ऋण के बोझ के बावजूद, राज्य सरकार अपने सभी वायदों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है, लेकिन कठिन निर्णय भी अपरिहार्य हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि आगामी वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी, जिसके लिए समाज के हर वर्ग के सहयोग की आवश्यकता है। 44 दिनों के कार्यकाल में सरकार ने अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं।

    उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उन सभी पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने का आह्वान किया जो अभी तक इन योजनाओं के लाभों से वंचित हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 101 करोड़ रुपये की लागत से मुख्यमंत्री सुख-आश्रय सहायता कोष का गठन किया है। इसके माध्यम से जरूरतमंद बच्चों एवं निराश्रित महिलाओं को इंजीनियरिंग कॉलेज, आई.आई.आई.टी., एन.आई.टी., आई.आई.एम., आई.आई.टी., बहुतकनीकी संस्थानों, नर्सिंग एवं स्नातक महाविद्यालयों आदि में उच्च शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जाएगा। 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा वेतन सुख-आश्रय सहायता कोष के लिए प्रदान किया है और सभी कांग्रेस विधायकों ने भी इस कोष के लिए एक-एक लाख रुपये का योगदान दिया है। राज्य सरकार वृद्धाश्रमों और आश्रय गृहों में रह रहे बच्चों की अभिभावक है। सरकार ने इन संस्थानों में रहने वालों को 10 हजार रुपये का परिधान भत्ता प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अनाथ आश्रमों, निराश्रित महिला आवासों और वृद्धाश्रमों में रहने वाले सभी लोगों को त्योहार भत्ते के रूप में 500 रुपये प्रदान करने का निर्णय लिया गया है ताकि ये लोग भी अन्य लोगों की भांति त्योहार मना सकें।

    ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने व्यवस्था परिवर्तन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने इसके दृष्टिगत कई महत्वाकांक्षी कदम उठाए हैं। वर्तमान सरकार शिक्षा नीति में भी बड़े बदलाव लाने के प्रयास कर रही है ताकि गरीब बच्चों को पढ़ने और आगे बढ़ने के समान अवसर प्राप्त हों। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल  चरणबद्ध तरीके से खोले जाएंगे। 

    मुख्यमंत्री ने रोजगार सृजन पर बल देते हुए कहा कि रोजगारपरक शिक्षा समय की मांग है। युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए रोबोटिक्स, ब्लॉक चेन तकनीक, साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे नए तकनीकी पाठ्यक्रमों को आई.टी.आई., बहुतकनीकी संस्थानों एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों के पाठ्यक्रम में अगले शैक्षणिक सत्र से शामिल किया जाएगा। 

    ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था में पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका है और प्रदेश सरकार इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी ताकि स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें और पर्यटन को ग्रामीण स्तर तक बढ़ावा दिया जा सके। युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए भी पर्यटन परियोजनाओं को स्टार्ट-अप योजना से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को ध्यान में रखते हुए सरकार नई निवेश नीति लाएगी।

    उन्होंने कहा कि सरकार किसानों और बागवानों की आय बढ़ाने के लिए भी काम कर रही है। हिमाचल प्रदेश को फल राज्य के नाम से जाना जाता है और फलों के दाम तय करने लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य के पर्यावरण को संरक्षित करने और हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2025 तक देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए जल विद्युत, हाइड्रोजन और सौर ऊर्जा का दोहन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। राज्य में हरित उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे निर्यात में वृद्धि होगी। प्रदेश सरकार आगामी वित्त वर्ष में 500 मेगावाट क्षमता तक की सौर परियोजनाएं स्थापित करेगी। राज्य सरकार ने प्रदेश में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने का भी निर्णय लिया है। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा।

    ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर बल देते हुए कहा कि इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला, डॉ. राधा कृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में शीघ्र ही रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। 

    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया। उन्होंने कौशल्या देवी धर्मपत्नी स्व. दित्तू राम, शीला देवी धर्मपत्नी स्व. चौधरी राम, आतो देवी धर्मपत्नी स्व. लतूरिया राम, दुर्गी देवी धर्मपत्नी स्व. गंगा राम और बंती देवी धर्मपत्नी स्व. गरीब दास को सम्मानित किया।

    उन्होंने न्यू आजीविका स्वयं सहायता समूह विकास खण्ड नादौन, अनमोल स्वयं सहायता समूह विकास खण्ड भोरंज एवं दिव्यांग खिलाड़ी राजन कुमार व समारोह के प्रतिभागियों को भी सम्मानित किया। 

    इस अवसर पर प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों को प्रदर्शित करती अग्निशमन एवं गृहरक्षक की झांकी, परिवहन विभाग, हिमाचल पथ परिवहन निगम, पर्यटन विभाग, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, कृषि विभाग, बागवानी विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, विद्युत बोर्ड, ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा उद्योग विभाग द्वारा झांकियां निकाली गईं। 

    पहचान संस्था, लोक नृत्य दल जिला चम्बा, परमार्थ इंटरनेशनल स्कूल, निधि डोगरा, सांस्कृतिक दल जिला कुल्लू, हमीर पब्लिक स्कूल, सांस्कृतिक दल जिला शिमला और पुलिस के एकलव्य ग्रुप ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

    उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, कृषि मंत्री चन्द्र कुमार, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रघुबीर सिंह बाली, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, मोहन लाल ब्राक्टा, चौधरी राम कुमार, किशोरी लाल, विधायकगण, पूर्व विधायक, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, उपायुक्त हमीरपुर देबश्वेता बनिक, पुलिस अधीक्षक आकृति शर्मा, गणमान्य व्यक्ति और भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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