सोलन: 1945 में बनी एक बिल्डिंग का हिस्सा सोलन शहर के वार्ड-6 में आज सुबह गिर गया। गिरने के बाद मिट्ठू भवन के नाम की इस बिल्डिंग का मलबा सोलन के जवाहर पार्क और बिंदल कालोनी को जाने वाले रास्त में गिरा है। सौभाग्य से उस समय कोई भी इस रास्ते से नहीं गुजर रहा था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। उल्लेखनीय है कि मिट्ठू भवन का एक हिस्सा इससे पहले 2 अगस्त को सुबह करीब 7.30 बजे गिर गया था और दूसरा हिस्सा आज 10 अगस्त को गिर गया।

मिट्ठू भवन के एक मालिक अंकुश सूद ने हिल्स पोस्ट को बताया कि भवन गिरने से पहले उन्होंने जिला प्रशासन और नगर निगम को इसकी सूचना दी थी, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाए गए। सूद ने बताया कि मिट्ठू भवन खसरा नंबर-311 में 197 स्कवेयर मीटर के एरिया में बना है। उन्होंने बताया कि तीन अगस्त 2021 को सोलन नगर निगम ने इस मोहल्ले के दो मकानों को असुरक्षित घोषित किया था, जिसमें मिट्ठू भवन भी शामिल था।
अंकुश सूद ने बताया कि वर्ष 2025 में फिर से भवन को अनसेफ घोषित करने के लिए नोटिस जारी किए गए, जिसमें उन्हें भी नोटिस दिया गया था। लेकिन इसके कुछ समय बाद 25 जुलाई 2025 को नगर निगम सोलन ने केवल आधी बिल्डिंग यानी 95 स्कवेयर मीटर भवन को ही अनसेफ घोषित किया, जो समझ से परे है।
अंकुश सूद ने बताया कि जब एक भवन एक समय में बना। इसके लेंटर, पिल्लर और भवन ज्वाइंट है तो पूरा अनसेफ घोषित होना चाहिए था। वह लगातार इसकी मांग कर रहे थे, लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली। अब इस बिल्डिंग के एक बहुत बड़े भाग के गिराने से आसपास के भवनों को खतरा होने के साथ-साथ स्कूली बच्चों और यहां से आने जाने वाले लोगों को भारी परेशानी हो रही है।
सोलन नगर निगम की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल….
शहर के बुद्धिजीवी वर्ग ने भवनों को असुरक्षित घोषित करने की प्रकिया को लेकर अनेकों सवाल उठाए हैं। लोगों का कहना है कि सोलन नगर निगम भवनों को असुरक्षित घोषित करने को लेकर पिक एंड चूज़ पालिसी अपना रही है। आरोप है कि कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए लोगों की सुरक्षा के साथ समझौता किया जा रहा है।
सोलन की पहली पांच मंजिला बिल्डिंग थी मिट्ठू भवन…
मिट्ठू भवन के एक मालिक अंकुश सूद ने बताया कि उनका यह मिट्ठू भवन स्वतंत्रता से पहले 1945 यानि शक सम्वत 2003 में बनी थी। यह बिल्डिंग तत्कालीन सोलन के जाने माने व्यवसायी और आलू के आढ़ती नानकचंद मिट्ठू ने बनवाई थी। इसके बाद सोलन में बहुमंजिला ईमारतों को दौर शुरू हुआ। सोलन की यह ऐतिहासिक मिट्ठू भवन अब जर्जर हो चुका है, लेकिन केवल आधे भवन को ही असुक्षित घोषित करना इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है ।