नाहन: हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा घोषित प्रशासनिक सेवा परीक्षा के परिणामों में सिरमौर जिले के हरिपुरधार क्षेत्र की शीतल ने अपनी मेहनत के दम पर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। शीतल का चयन जिला नियंत्रक (District Controller) के प्रतिष्ठित पद पर हुआ है। उनकी यह सफलता उन सभी युवाओं के लिए मिसाल है जो अभावों के बीच बड़े सपने देखते हैं।
साधारण परिवार और जमीनी जुड़ाव
शीतल सिरमौर जिले के हरिपुरधार क्षेत्र की कांदो-बाड़ोल पंचायत से संबंध रखती हैं। उनके पिता ओम प्रकाश शर्मा पेशे से एक जेबीटी (JBT) शिक्षक हैं और माता कमलेश देवी एक कुशल गृहिणी हैं। शीतल की इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है।

सरकारी स्कूलों से शुरू हुई शिक्षा की राह
शीतल की शैक्षणिक यात्रा उन सभी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो सरकारी शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे हैं। उनकी शिक्षा की नींव राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (GSSS) कोरग में पड़ी, जहाँ से उन्होंने अपनी मिडिल स्कूल तक की प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद, उन्होंने नाहन के AVN स्कूल से 10वीं और 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर अपनी माध्यमिक शिक्षा को सफलतापूर्वक पूरा किया।
अपनी उच्च शिक्षा की ओर बढ़ते हुए, शीतल ने राजकीय महाविद्यालय नाहन में प्रवेश लिया और कला संकाय (Arts) में स्नातक की डिग्री हासिल की। सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने अपनी पढ़ाई का सिलसिला जारी रखा और समाजशास्त्र (Sociology) विषय में निजी तौर पर (Private) MA की डिग्री प्राप्त की।
अपनी शैक्षणिक योग्यता को और अधिक सुदृढ़ करते हुए, शीतल ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर की प्रतिष्ठित NET और SET जैसी कठिन पात्रता परीक्षाएं भी उत्तीर्ण कीं, जो उनकी गहरी विद्वत्ता और विषयों पर मज़बूत पकड़ को प्रमाणित करती हैं। शीतल ने Sociology (समाजशास्त्र) में प्राइवेट तौर पर MA की डिग्री हासिल की।
बिना कोचिंग के हासिल किया मुकाम
शीतल की सफलता की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उन्होंने इस उच्च स्तरीय परीक्षा के लिए किसी भी बड़े शहर के कोचिंग संस्थान का सहारा नहीं लिया। बिना किसी कोचिंग के, घर पर ही खुद की रणनीति और सेल्फ-स्टडी के माध्यम से उन्होंने प्रशासनिक सेवा में अपना स्थान सुनिश्चित किया।
“शीतल का चयन उन युवाओं को प्रेरित करता है जो संसाधनों की कमी का हवाला देते हैं। सरकारी स्कूल में पढ़कर और निजी तौर पर उच्च शिक्षा लेकर भी जिला नियंत्रक जैसे पद तक पहुँचा जा सकता है।”