हिमाचल कर्मचारी महासंघ की मांग 2008-11 बैच के शिक्षकों को तुरंत मिले प्रमोशन

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By संवाददाता

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ ने शिक्षा विभाग में वर्ष 2008 से 2011 के बीच चयनित टीजीटी (आर्ट्स, मेडिकल और नॉन-मेडिकल) शिक्षकों की लंबित वरिष्ठता और प्रोन्नति के मुद्दे पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। महासंघ ने सरकार पर इन शिक्षकों की गंभीर अनदेखी का आरोप लगाते हुए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। महासंघ का कहना है कि ये शिक्षक पिछले 14 वर्षों से अधिक समय से प्रदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन वरिष्ठता सूची में विसंगतियों के चलते वे अपने हक से वंचित हैं।

महासंघ ने आरोप लगाया कि पूर्व में गलत वरिष्ठता सूची के आधार पर कनिष्ठ बैचों के कई शिक्षकों को प्रमोशन दे दिया गया, जबकि 2008 से 2011 बैच के वरिष्ठ और योग्य शिक्षकों को नजरअंदाज कर दिया गया। हालांकि, वर्ष 2024 में इन शिक्षकों को ‘डीम्ड रेगुलराइजेशन’, वित्तीय लाभ और अर्जित अवकाश (Earned Leaves) का अधिकार मिल गया था, लेकिन लेक्चरर (स्कूल न्यू) पद पर उनकी प्रोन्नति अभी भी लटकी हुई है। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद विभाग ने वरिष्ठता सूची को संशोधित कर दिया है, जिससे स्थिति स्पष्ट हो गई है, लेकिन इसके बावजूद फरवरी 2024 से पदोन्नति की फाइलें आगे नहीं बढ़ी हैं।

महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेश ठाकुर ने कहा कि संशोधित वरिष्ठता सूची आने के बाद अब किसी भी प्रकार की देरी या टालमटोल उचित नहीं है। उन्होंने मांग की है कि संशोधित सूची के आधार पर इन शिक्षकों को तुरंत लेक्चरर पद पर प्रमोट किया जाए और गलत सूची के आधार पर हुए पुराने प्रमोशन की समीक्षा कर सुधार किए जाएं।

नरेश ठाकुर ने कहा कि ये शिक्षक स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता और परिणाम सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी है कि उन्हें उनका न्यायसंगत अधिकार दे। महासंघ ने सरकार से अपील की है कि इस भेदभावपूर्ण देरी को खत्म कर मामले को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए।