शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। परिवहन विभाग ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत प्रदेश के विभिन्न उप-मंडलों में कुल 400 ई-रिक्शा चलाने की मंजूरी दे दी है। इसके लिए विभाग ने अधिसूचना भी जारी कर दी है, जिसके तहत कांगड़ा, शिमला, सोलन, कुल्लू, मंडी, चंबा, किन्नौर, सिरमौर और ऊना जिले के विशिष्ट क्षेत्रों में परमिट आवंटित किए गए हैं।

जिलावार परमिट आवंटन पर नजर डालें तो कांगड़ा के पालमपुर में 30 और धर्मशाला (मैक्लोडगंज सहित) में 36 ई-रिक्शा चलेंगे। कुल्लू जिले में सबसे ज्यादा फोकस है, जहां कुल्लू (30), मनाली (30), बंजार (20), भुंतर, पतलीकुहल और नग्गर में 15-15 परमिट दिए जाएंगे। मंडी जिले के पधर में 35, जोगिंदर नगर में 15, जबकि सरकाघाट और धर्मपुर में 5-5 परमिट मिलेंगे।
वहीं, शिमला के रोहड़ू में 20 और ठियोग में 6, जबकि सोलन के बद्दी में 15, नालागढ़ में 10, कंडाघाट में 3 और अर्की में 2 परमिट मंजूर हुए हैं। इसके अलावा ऊना जिले में कुल 37, सिरमौर के नाहन में 15 व राजगढ़ में 2, किन्नौर के कल्पा/रिकांगपिओ में 15 व सांगला में 10 और चंबा के भटियात में 9 व सदर में 5 परमिट जारी किए जाएंगे।
सरकार ने नियमों को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि इन ई-रिक्शा का संचालन संबंधित उप-मंडल मुख्यालय से केवल 20 किलोमीटर के दायरे में ही सीमित रहेगा। एक बार जिस उप-मंडल के लिए पंजीकरण हो गया, उसे किसी भी परिस्थिति में बदला या स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। यदि कोई वाहन तय सीमा से बाहर चलता पाया गया, तो उसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
अधिसूचना के अनुसार, इन क्षेत्रों में केवल ई-रिक्शा के ही नए पंजीकरण होंगे, जबकि राज्य के शेष हिस्सों में नए ऑटो या ई-रिक्शा के पंजीकरण पर रोक रहेगी। हालांकि, पहले से चल रहे वैध परमिट वाले ऑटो-रिक्शा पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।