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    Home»हिमाचल»हिमाचल प्रदेश निकट भविष्य में देश का कार्बन न्यूट्रल राज्य बनने के लिए कोस्टारिका से प्रेरणा व जानकारी ले
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    हिमाचल प्रदेश निकट भविष्य में देश का कार्बन न्यूट्रल राज्य बनने के लिए कोस्टारिका से प्रेरणा व जानकारी ले

    संवाददाताBy संवाददाताफ़रवरी 13, 20104 Mins Read
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    शिमला: हिमाचल प्रदेश निकट भविष्य में देश का कार्बन न्यूट्रल राज्य बनने के लिए कोस्टारिका से प्रेरणा व जानकारी लेगा तथा ग्रीन हाउस से निकलने वाली गैसों पर नियंत्रण करेगा। यह जानकारी मुख्य मंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने विश्व बैंक व विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के साथ कोस्टारिका के सैनजोस में गत सायं वार्तालाप के दौरान दी। मुख्य मंत्री इन दिनों आठ सदस्यीय उच्च स्तरीय दल के साथ पर्यावरण विषय पर कांफ्रेंस व सेमिनार में भाग लेने के लिए विदेश यात्रा पर है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य उभर कर आया है, जो उपलब्ध हरित आवरण के माध्यम से सोखी जाने वाली ग्रीन हाउस गैसों के बदले कार्बन के्रेडिट की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कार्बन न्यूट्रल राज्य बनाने के लिए अनेक पग उठाए गए हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश को निकट भविष्य में देश का कार्बन न्यूट्रल राज्य बनाने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए और महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं।

    मुख्य मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कोस्टारिका की उपलब्धियों से प्रेरणा लेगा तथा 2021 तक विश्व का पहला कार्बन न्यूट्रल देश बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय अमेरिका के इस छोटे से राज्य ने यह उपलब्धि सफलतापूर्वक हरित आवरण दोगुना कर प्राप्त की, जिसने वर्ष 1988 में हरित आवरण को 21 प्रतिशत तथा वर्ष 1997 में 42 प्रतिशत तक बढ़ाया, जो विश्व के अन्य देशों के लिए प्रेरणादायक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए गए पगों को लागू करने के लिए कोस्टारिका से हाथ मिलाएगा। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल कोस्टारिका द्वारा छोटे से समय में दोगुना हरित क्षेत्र करने के लिए उठाए गए पगों का अध्ययन भी करेगा तथा हिमाचल प्रदेश के मौसम व जलवायु परिस्थितियों के मध्य नजर के अनुसार इन पगों को प्रदेश में भी लागू करेगा। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में लोगों की सहभागिता से पौधरोपण के अनेक अभियान शुरू किए हैं ताकि पुराने वनों को नए हर्बल व औषधीय पौधे लगाकर बदला जा रहा है, इससे जहां हरित क्षेत्र बढ़ेगा, वहीं प्रदेश के लागों में आय के साधन भी सृजित होंगे।

    प्रो. धूमल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला अग्रणी राज्य है, जिसने हरे पेड़ों के काटने, प्लास्टिक के प्रयोग व पर्यावरण प्रदूषित करने वाली गतिविधियों को प्रतिबंधित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य ने यह भी निर्णय लिया है कि प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों को लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी तथा हिमालय राज्य के पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो इसके लिए भी अनेक पग उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश ने अटल विद्युत योजना को सफलतापूर्वक लागू किया। इस योजना के तहत 16.5 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को 80 करोड़ रुपये की योजना के तहत चार सीएफएल बल्ब निःशुल्क वितरित किए, जिससे ऊर्जा की बचत हुई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोगों को पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए पर्यावरण निधि शुरू की गई है। उन्होंने प्रतिभागियों द्वारा हिमाचल प्रदेश के पर्यावरण की गतिविधियों के बारे में पूछे गए प्रश्नों का भी जबाव दिये। वन मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने राज्य सरकार द्वारा समय पर वनों के संरक्षण व पौधरोपण के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।

    कोस्टारिका राज्य के पर्यावरण ऊर्जा व संचार मंत्री जार्ज राॅडरिक्स, जो राष्ट्रीय वन निधि कोस्टारिका, एफआईएनएएफआईएफओ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी है, ने मुख्य मंत्री व विभिन्न देशों के प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा कहा कि वह हिमाचल प्रदेश द्वारा पर्यावरण संरक्षण की उपलब्धियों से प्रभावित है तथा उन्होंने राज्य से पर्यावरण संरक्षण और एक दूसरे के अनुभवों को सीखने के लिए राज्य से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कोस्टारिका को विश्व का पहला कार्बन न्यूट्रल देश बनाने के लिए उठाए गए पगों व दस वर्षों से भी कम समय में दोगुना हरित आवरण करने बारे विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के लिए कोस्टारिका में राष्ट्रीय वन निधि बनाई है।

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