अंबाला में पुलिस ने किया सिखों को नजरबंद

सिरसा:  अम्बाला में 15 सितंबर से प्रदेश के ऐतिहासिक गुरुद्वारों पर कब्जा करने के तदर्थ हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीपीसी) द्वारा दिए अल्टीमेटम के मद्देनजर पुलिस ने मंगलवार देर रात बाबा जोरावर सिंह और फतह सिंह गुरुद्वारे में दर्जनों सिखों को नजरबंद कर दिया। पुलिस के घेराव के से इलाके में तनाव पैदा हो गया है। पुलिस ने गुरुद्वारे के प्रधान व एचएसजीपीसी के महासचिव जसबीर सिंह खालसा को भी नजरबंद कर दिया है। इसी गुरूद्वारे में एचएसजीपीसी की गतिविधियों का संचालन होता है। देर रात डीएसपी राजकुमार की अगुवाई में मुलाना, बराड़ा और साहा थाने के एसएचओ भारी पुलिस बल के साथ दोसड़का चौक पर तैनात थे। पुलिस ने दोनों प्रमुख गुरुद्वारों को चारों ओर से घेर लिया। वहां आने जाने वालों पर भी पुलिस ने रोक लगा दी है। यह लोग वहां से गुजरने वाली जत्थेबंदियों पर निगाह रखे हुए थे। फिलहाल नजरबंद किए गए जसबीर सिंह खालसा के साथ उनके कुछ सहयोगियों के भी गुरुद्वारे में बंद होने की बात कही जा रही है।

एचएसजीपीसी लड़ रही है हरियाणा के सिखों हक की लड़ाई -खालसा

खालसा का कहना है कि एचएसजीपीसी हरियाणा के सिखों के हक की लड़ाई लड़ रही है। अगर पुलिस ने किसी तरह का हस्तक्षेप किया तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बीच एचएसजीपीसी के ऐलान को देखते हुए जिला प्रशासन ने अम्बाला के पंजोखरा साहिब और मंजी साहिब गुरुद्वारे में सुरक्षा बढ़ा दी है। यहां आपात स्थिति से निपटने के लिए पुलिस के अलावा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की अपनी टास्क फोर्स भी तैनात है।

पंजोखरा साहिब और मंजी साहिब गुरुद्वारे के आसपास धारा-144 लागू

डीसी ने आपात स्थिति से निपटने और दोनों पक्षों में टकराव को रोकने के लिए पंजोखरा साहिब और मंजी साहिब गुरुद्वारे के आसपास धारा-144 लागू कर दी है। इसके तहत दोनों गुरुद्वारों के २०० मीटर के दायरे में पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लगा दी गई है। खुफिया विभाग और सादी वर्दी में तैनात पुलिस के जवान भी स्थिति पर नजर रख रहे हैं। इससे पहले मंगलवार सुबह एसजीपीसी सदस्य गुरदीप सिंह भानोखेड़ी, अकाली दल के प्रवक्ता संत सिंह कंधारी, पार्टी जिलाध्यक्ष अजीत सिंह, उपाध्यक्ष अमरीक बरनाला और अन्य पदाधिकारियों ने कनाल रेस्ट हाउस में डीसी समीरपाल सरो और एसपी शशांक आनंद से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने प्रशासन से गुरुद्वारों की सुरक्षा सुनिश्चित बनाने की मांग की। अकाली दल पदाधिकारियों और एसजीपीसी सदस्यों ने चेतावनी भी दी कि यदि ऐतिहासिक गुरुद्वारों पर कब्जे का प्रयास किया गया तो वह चुप नहीं बैठेंगे। डीसी ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि गुरुद्वारों में माहौल बिगडऩे नहीं दिया जाएगा और कानून तोडऩे वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। प्रशासन अमन-चैन कायम रखने के लिए वचनबद्ध है।

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