धर्मशाला: निजी क्षेत्र में विभिन्न संस्थाओं द्वारा लुभावने एवं भ्रांमक विज्ञापन जारी करके चलाये जा रहे तकनीकी एवं डिग्री कोर्स पर कडा संज्ञान लेते हुए उपायुक्त कांगड़ा, आरएस गुप्ता ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि कोई भी निजी संस्थान किसी सरकारी विश्वविद्यालय की संबंद्धता एवं अन्य औपचारिकताओं के बिना संस्थान न चलाएं अन्यथा दोषी संस्थान के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
उपायुक्त कांगड़ा आज यहां धर्मशाला शहर में निजी क्षेत्र में चलाए जा रहे तकनीकी एवं डिग्री पाठ्यक्रम के उद्यमियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में धर्मशाला शहर में कार्यरत सभी निजी संस्थानों की संबंद्धता एवं अन्य आवश्यक औपचारिकताओं की गहनता से जांच की जाएगी इसके उपरान्त जिला के अन्य शहरों एवं गांवों में अनाधिकृत रूप से चलाए जा रहे निजी संस्थानों का भी औचक निरीक्षण किया जाएगा।
उपायुक्त ने कहा कि निजी संस्थान के मालिक लुभावने एवं भं्रामक विज्ञापन जारी करके लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं और संस्थान की संबंद्धता इत्यादि की जानकारी न होने पर युवाओं का शोषण हो रहा है और कई संस्थानांे द्वारा जारी डिप्लोमा एवं डिग्री प्रदेश में मान्य न होने पर युवाओं को बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है।
श्री गुप्ता ने निजी संस्थानों के मालिकों को निर्देश दिए कि वह अपने विज्ञापन में भ्रामक प्रचार न करें और विज्ञापन एवं संस्थान के बाहर लगे बोर्ड पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाए कि संस्थान द्वारा जारी डिप्लोमा अथवा डिग्री सरकारी नौकरी के लिए मान्य है अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि अनेक निजी संस्थान अपने विज्ञापन में सौ फीसदी नौकरी देने का वायदा करते हैं परन्तु कोर्स पूरा होने के बाद बेरोजगार युवाओं को नौकरी न मिलने पर उनके साथ एक घोर अन्याय किया जाता है।
उपायुक्त ने धर्मशाला शहर में कार्यरत सभी निजी संस्थानों के मालिकों को निर्देश दिए कि वह दो दिन के भीतर अपने संस्थान से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज एवं अभ्यार्थी से ली जाने वाली फीस व अन्य प्रदान की जाने वाली सुविधाओं का पूर्ण ब्यौरा प्रस्तुत करें और जिन संस्थाओं के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं होंगे ऐसे संस्थानों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी ताकि गरीब एवं बेरोजगार युवाओं का किसी स्तर पर कोई शोषण न हो।
बैठक में सहायक आयुक्त, संदीप सूद के अतिरिक्त निजी संस्थानों बीसीएमटी, एसआईएमटी, एनआईआईटी, आईएचटी,बीसीएमडी, एआईएसइटी, जैटकिंग, पीटीयू इत्यादि संस्थानों के मालिकों ने भाग लिया।