मंडी : आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जाति एवं जनजाति के होनहार विद्यार्थियोें के उच्च शिक्षा के सपने को पूरा करने के लिए हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम ने शिक्षा ऋण योजना के अंतर्गत आवेदन आमंत्रित किए हैं।
योजना की जानकारी देते हुए निगम के जिला प्रबंधक कमल जीत ने बताया कि अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को भारत में पढ़ाई हेतु 6 प्रतिशत ब्याज दर पर 30 लाख रुपये तक का तथा विदेश में 7 प्रतिशत ब्याज दर पर 40 लाख तक का ऋण दिया जाता है तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को 5 लाख तक के ऋण पर 6 प्रतिशत तथा 5 लाख से 10 लाख रुपये तक का ऋण पर 8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर उपलब्ध होगा। ब्याज दर पर महिला छात्राओं को 0.5 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट भी है।

उन्होंने बताया कि ऋण की वापसी कोर्स पूर्ण होने के 6 माह बाद या नौकरी लगने पर (जो भी पहले हो) आरंभ होगी। 10 लाख तक का ऋण 10 वर्षों में तथा 10 लाख से अधिक का ऋण 12 वर्षों में (कोर्स अवधि सहित) चुकाना होगा। आवेदन एवं अधिक जानकारी के लिए इच्छुक अभ्यर्थी कार्य दिवसों में जिला प्रबंधक, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम, मंडी के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
पात्रता की शर्तें
पात्रता के लिए विद्यार्थियों के परिवार की वार्षिक आय शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में 3 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऋण के विरुद्ध कर्मचारियों की जमानत या ऋण के बराबर मूल्य की भूमि को गिरवी रखना आवश्यक होगा।
ऋण किन पाठ्यक्रमों के लिए
यह ऋण भारत या विदेश के सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों में संचालित इंजीनियरिंग, मेडिकल, फार्मेसी, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), एमबीए, होटल प्रबंधन, पत्रकारिता, नर्सिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंसी (सीए), कंपनी सेक्रेटरीशिप (सीएस), लॉ, एम.फिल. एवं पीएचडी. सहित उच्च शिक्षा के विभिन्न व्यावसायिक एवं तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए उपलब्ध है।