“शाम दर शाम जलेंगे तेेरे यादों के चिराग़,
नस्ल दर नस्ल तेरा दर्द नुमाया होगा’’
अलीगढ़ मुवमेंट के रहनुमा तथा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सय्यद अहमद खां के 112 वीं पुण्य तिथि पर भावभीनि श्रद्वांजिल देते हुये ’द अलीगढ़ मुवमेंट’ पत्रिका ने सर सययद के ’एजूकेशनल मुवेमंट ’संस्करण का उद्घाटन तथा अलीगढ़ मुवमेंट पत्रिका स्पेशल संस्करण का विमोचन आज अमुवि के विमेन्स पोलिटेक्निक के प्रचार्य एवं समाजसेवी प्रो0 शमीम अहमद ने किया।
प्रो0 शमीम अहमद ने कहा कि, सर सय्यद अहमद खां के अलीगढ़ तहरीक आज खत्म सा हो चुका है इसे पुनः जागरण की आवश्यकता है।
डा0 मो0 शाहिद ने कहा कि अलीगढ मुवमेंट पत्रिका का यह पहला अच्छा है कि वह सर सय्यद अहमद खां के मिशन को सही मायने में लेकर चल रहा है।
पत्रिका के संपादक जसीम मोहम्मद ने सर सय्यद अहमद खां एक स्कूल ऑफ थॉट (ज्ीवनहीजद्ध का नाम है, जिसे हम सिर्फ मात्र एक शिक्षण संस्था के संस्थापक रूप में देख रहे हैं, जसीम मौहम्मद ने भारत सरकार से अपील की कि वह संसद के कक्ष में सर सय्यद अहमद खां के जन्मदिन 17 अक्टूबर तथा पुण्यतिथि 27 मार्च को उनको याद करें ताकि भारत का एक सच्चा पुत्र की उपदेश हर भारतीय तक पहुचें।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से दौलत राम, एलिज़ाबेद मरियम, यमुना जैनूल आबेदिन, फातिमा जेहरा, वज़ीहा मेहदी, तमन्ना हुसैन, अन्सार अबुबर्क पी, जी0एफ0साबरी, फारूख खान, जमाल अंसारी, इकबाल सैफी, कपिल कुमार, निकहत परवीन, सैययद अजीमुददीन उपस्थित थें।