ऊना: जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ऊना के तत्वावधान में क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में गुरुवार को अस्पताल सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन योजना पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय अस्पताल ऊना के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय मनकोटिया ने की।

इस दौरान डॉ. मनकोटिया ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि बदलते जलवायु परिदृश्य और बढ़ती प्राकृतिक एवं मानवजनित आपदाओं के दृष्टिगत सभी सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य संस्थानों को आपदा प्रबंधन योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक स्वास्थ्य संस्था को प्रतिवर्ष दो से तीन मॉक ड्रिल आयोजित कर संस्थान की तैयारी, संसाधनों की उपलब्धता और समन्वय की स्थिति का आकलन करना चाहिए जिससे समय पर प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
इस अवसर पर जलवायु एवं आपदा जोखिम न्यूनीकरण विशेषज्ञ प्रणव सेठी ने रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रशिक्षण प्रदान करते हुए बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अस्पतालों की आपातकालीन स्थितियों से निपटने की क्षमता को सुदृढ़ करना है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि आपात स्थिति में रोगियों, आगंतुकों और स्टाफ की सुरक्षा बनी रहे तथा आवश्यक सेवाओं की निरंतरता प्रभावित न हो।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ऊना के प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण समन्वयक राजन कुमार शर्मा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम अस्पतालों को आपात स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया देने, शीघ्र पुनर्बहाली सुनिश्चित करने और जिला स्तर पर प्रभावी समन्वय स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा।
प्रशिक्षण में जिला ऊना के आयुष विभाग, क्षेत्रीय अस्पताल ऊना, निजी क्लीनिक, सरकारी अस्पतालों, खंड स्तरीय नागरिक अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से लगभग 55 चिकित्सा अधिकारी, पैरामेडिकल स्टाफ, स्टाफ नर्स व अन्य स्वास्थ्यकर्मी भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम अस्पतालों की आपदा से निपटने की तत्परता एवं रणनीतिक योजना निर्माण की दिशा में एक अहम पहल है।