शिमला : भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत मिशन शक्ति (संकल्प योजना) के तहत आज राजकीय आईटीआई चौड़ा मैदान शिमला में भारतीय न्याय संहिता पर शिविर आयोजित किया गया। इसकी जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी शिमला ममता पॉल ने दी।
उन्होंने बताया कि एक जुलाई से 5 जुलाई 2024 तक चले इस साप्ताहिक कार्यक्रम के तहत शिमला जिला के विभिन्न विकास खंडों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व पर्यवेक्षकों, स्कूल व कॉलेज तथा आईटीआई के छात्रों तथा छात्राओं व महिलाओं को भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के अलावा मिशन शक्ति के तहत चल रही विभिन्न स्कीमों जैसे बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, लैंगिक समानता, घरेलू हिंसा, पीसी-पीएनडीटी एक्ट, पोक्सो एक्ट, सखी निवास, पालना, कामकाजी महिला आवास के तहत किए जाने वाली गतिविधियों की जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि 16 सप्ताह तक चलनें वाले 100 दिवसीय इस जागरूकता कार्यक्रम में महिलाओं व बच्चों को उपरोक्त योजनाओं के तहत जागरूक किया जाएगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि मिशन शक्ति के अन्तर्गत भारत सरकार के 100 दिवसीय (स्पैशल एवेयरनेस डाइव) विशेष जागरूकता कार्यक्रम 21 जून से 4 अक्तूबर 2024 तक शिमला जिला के विभिन्न विकास खंडों में आयोजित किया जाएगा। उन्होेंने इस दौरान पोषण अभियान के तहत चल रहे पोषण भी पढाई भी कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
इस कड़ी में आज राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान चौड़ा मैदान शिमला में भारतीय न्याय संहिता पर जिला न्यायिक प्राधिकरण शिमला से आई अधिवक्ता मिस रीता ठाकुर ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान केविद्यार्थियों को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में मुख्य परिवर्तन जैसे पॉक्सो एक्ट यानी लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012, बच्चों के खिलाफ बढते यौन अपराधों को रोकने के लिए बनाया गया कानून है। यह कानून 14 नवंबर 2012 से पूरे देश में लागू है।
उन्होंने बताया कि इस कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों को नाबालिग माना जाता है और उन पर होने वाले यौन अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। इस कानून के तहत नाबालिग बच्चोें के साथ होने वाले यौन अपराधों और छेड़छाड़ जैसे यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी मामलों में कार्रवाई की जाती है। महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध, बलात्कार, ताक-झांक, पीछा करना और महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाने जैसे कृत्यों, शरीर के विरुद्ध अपराध, राजद्रोह जैसे भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों के लिए, आतंकवाद, संगठित अपराध में अपहरण, जबरन वसूली, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, जमीन हड़पना, वित्तीय घोटाले और साइबर अपराध जैसे व बच्चों के विरुद्ध अपराध, महिलाओं और बच्चों के साथ बलात्कार और सामूहिक बलात्कार, माता-पिता से चोरी करने के इरादे से बच्चे का अपहरण जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई।
इस मौके पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान प्रभारी के अलावा अन्य कर्मचारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी शिमला शहरी स्नेहलता नेगी व मशोबरा स्थित टूटु रूपा रानी तथा पोषण अभियान व मिशन शक्ति के कर्मचारी भी उपस्थित रहे