धर्मशाला : पोषाहार सप्ताह के उपलक्ष्य पर जिले भर में बच्चों, गर्भवती और धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य सुधार के लिए विभिन्न कार्यक्रम सफलता पूर्वक आयोजित किए गए।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त आरएस गुप्ता ने कहा कि एकीकृत बाल विकास कार्यक्रम पर चालू वित वर्ष में 17 करोड़ रूपये व्यय किए जा रहे हैं। जो कि गत वर्ष की अपेक्षा छह करोड़ अधिक हैं। उन्होंने बताया कि जिले में जिले में 4119 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत किए गए हैं जिनमें से 4105 केंद्रों के माध्यम से 0 से छह आयु वर्ग के लगभग अस्सी हजार बच्चों एवं बीस हजार धात्री एवं गर्भवती महिलाओं को संतुलित आहार के अतिरिक्त स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान की जा रही है। जिससे जिले में कुपोषणता की दर में बहुत कमी आई है।
उन्होंने बताया कि परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की तुलना में परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण तीन में राष्ट्रीय स्तर पर कुपोषणता की दर में एक प्रतिशत कमी आई है जबकि राज्य में कुपोषण की दर में आठ प्रतिशत की कमी आंकी गई है।
उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में आयोजित स्वास्थ्य शिविरों में जिले में अस्सी हजार के करीब बच्चों का वजन तोला गया जिनमें केवल 127 बच्चों का वजन औसतन से कम निकला है।
उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चों के स्वास्थ्य जांच नियमित रूप से की जा रही है और बच्चों को संतुलित आहार के साथ साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की निगरानी में रखा जा रहा है ताकि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो सके।
उन्होंने बताया कि पोषाहार सप्ताह के तहत आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में महिलाओं और बच्चों के लिए पौष्टिक और संतुलित आहार देने की भी सलाह दी जा रही है ताकि एक स्वस्थ समाज की संरचना की जा सके।