नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले भारी नुकसान को कम करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से मदद मांगी है। बुधवार शाम नई दिल्ली में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि प्रदेश को एक मजबूत “अग्रिम चेतावनी प्रणाली” (Early Warning System) की सख्त जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और मौसम में बदलाव के कारण प्रदेश में आपदाओं की संख्या बढ़ गई है, जिससे भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने मांग की कि अगले मानसून सीजन से पहले राज्य में एडवांस तकनीक स्थापित की जाए। मुख्यमंत्री ने केंद्र से आग्रह किया कि किन्नौर जिले में एक डॉप्लर वेदर रडार और पूरे प्रदेश में 150 स्वचालित मौसम केंद्र (Automatic Weather Stations) स्थापित किए जाएं, ताकि भारी बारिश या बाढ़ जैसी स्थिति की चेतावनी समय रहते मिल सके।

उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल का अधिकांश क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है, जिसे देखते हुए उन्होंने कांगड़ा-हमीरपुर जोन में एक सीस्मिक प्रयोगशाला एवं डेटा विश्लेषण केंद्र (Earthquake Data Analysis Centre) स्थापित करने की मांग की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने हमीरपुर में एक मौसम डेटा केंद्र और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एयर मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने लाहौल-स्पीति जिले के लिए डॉप्लर रडार स्वीकृत करने के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार भी व्यक्त किया। आपदा प्रबंधन के अलावा, मुख्यमंत्री ने प्रदेश में विज्ञान शिक्षा और रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए भी कई प्रस्ताव रखे। इनमें छात्रों के लिए ‘स्पेस ऑन व्हील्स’ कार्यक्रम शुरू करना, पर्यावरण को बचाने के लिए पौधों पर आधारित पैकेजिंग पर रिसर्च के लिए एक R&D केंद्र खोलना और पहाड़ी जैविक संसाधनों के इस्तेमाल के लिए एक ‘बायो-मैन्युफैक्चरिंग हब’ की स्थापना करना शामिल है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को यह भी बताया कि हिमाचल प्राकृतिक खेती के उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हिमाचल सरकार के इन प्रयासों की सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि राज्य द्वारा उठाई गई सभी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और जल्द ही उचित निर्णय लिया जाएगा।