सोलन: राजकीय महाविद्यालय सोलन में 13 अक्टूबर से चल रहा ‘अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण पखवाड़ा’ सोमवार को एक विशेष सेमिनार के साथ संपन्न हुआ। इस पखवाड़े का मुख्य उद्देश्य छात्रों को आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूक करना था, जिसकी इस वर्ष की थीम ‘फंड रेसिलियंस नॉट डिजास्टर’ रखी गई थी।
कार्यक्रम के समापन पर भूगोल विभाग के छात्रों ने हिमाचल प्रदेश में हाल ही में आई भीषण आपदाओं, विशेषकर भूस्खलन (Landslides) पर अपना भौगोलिक विश्लेषण प्रस्तुत किया। छात्रों ने पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन और केस स्टडी के माध्यम से इन आपदाओं के कारणों, प्रभावों और भविष्य में इनसे बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा की।

पखवाड़े के दौरान आपदा से जुड़ी प्रदर्शनी और जागरूकता अभियान जैसी कई गतिविधियां भी आयोजित की गईं, ताकि छात्रों को आपदा के समय एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाने के लिए तैयार किया जा सके।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, कॉलेज की प्राचार्या डॉ. मनीषा कोहली ने छात्रों द्वारा किए गए शोध कार्य की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का शोध कार्य नई शिक्षा नीति (NEP) का एक अभिन्न अंग है और ऐसे प्रयासों को और भी बड़े स्तर पर किए जाने की जरूरत है। उन्होंने इस सफल आयोजन के लिए भूगोल विभाग की प्रोफेसर निवेदिता पाठक और डॉ. एन.आर. कश्यप को बधाई दी।
इस अवसर पर कॉलेज के कई अन्य प्रोफेसर और छात्र भी मौजूद रहे, जिन्होंने प्रस्तुति देने वाले छात्रों का उत्साह बढ़ाया।