सोलन: प्रदेश सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जहां कृषि मित्र योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह सुनिश्चित बनाया है कि किसानों को समुचित सिंचाई सुविधाएं प्राप्त हों और उन्हें उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिले। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की इस सोच को परिपूर्ण कर रही है सोलन स्थित राज्य कृषि विपणन समिति (एपीएमसी) की फल एवं सब्जी मण्डी।
एपीएमसी सोलन की पहचान हिमाचल के साथ-साथ पूरे देश में है। यह हिमाचल की प्रथम मण्डी है जिसका चयन ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) के तहत किया गया था। ई-नाम के साथ जुड़ने के उपरान्त एपीएमसी सोलन समूचे क्षेत्र के लिए वरदान सिद्ध हुई है। सोलन जिला के किसानों के साथ-साथ यह मण्डी शिमला, सिरमौर, किन्नौर के किसानों व बागवानों की चिंताओं को समाप्त करने में मुख्य भूमिका निभा रही है। एपीएमसी सोलन किसानों को आश्वस्त कर रही है कि वर्तमान संकटकाल में भी उन्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है। कोविड-19 के संकट के समय में गत वर्ष से ही एपीएमसी सोलन किसानों को उनकी उपज का बेहतरीन मूल्य दिलाने में सहायक सिद्ध हो रही है।
गत वर्ष मटर सहित विभिन्न नकदी फसलों का ऑनलाइन व्यापार समूचे क्षेत्र के किसानों के लिए राहत का सबब बना। एपीएमसी सोलन द्वारा गत वर्ष कोविड-19 संक्रमण काल में 60 करोड़ रुपए से अधिक की उपज का ऑनलाइन व्यापार किया गया किसानों एवं बागवानों का भुगतान सीधा उनके खातों में ही किया गया। इस माध्यम से देश एवं प्रदेश की आर्थिकी में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे किसानों एवं बागवानों को उनकी फसल के अच्छे दाम मिले।
एपीएमसी सोलन वर्तमान संकट काल में भी किसानों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्यरत है। एपीएमसी सोलन द्वारा वर्तमान में शिमला, सोलन, कुल्लू, मंडी तथा सिरमौर जिला के किसानों की लहसुन की खरीद की जा रही है। अभी तक 3500 क्विंटल से अधिक लहसुन का व्यापार किया जा चुका है। इसके एवज़ में किसानों को 02 करोड़ 45 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। हरम्भव प्रयास किया जा रहा है कि किसानों को ऑनलाइन ही भुगतान किया जाए। सम्पूर्ण भारतीय उप महाद्वीप में लहसुन का उपयोग किसी न किसी रूप में किया जाता है।
रसोई से लेकर औषधि तक लहसुन का महत्व सर्वविदित है। लहसुन को उच्च रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जाना जाता है। इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी देते हुए एपीएमसी सोलन के सचिव डॉ. रविन्द्र शर्मा ने कहा कि अभी तक एपीएमसी सोलन से लहसुन तमिलनाडू भेजी जा रही थी। किन्तु कोरोना संक्रमण के कारण अब यहां से लहुसन पुडूचेरी भेजी जा रही है। एपीएमसी सोलन तथा ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार की जुगलबंदी किसानों एवं बागवानों के बेहतरीन आर्थिक उन्नयन का ज़रिया बन रही है।