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उपायुक्त सिरमौर पदम सिंह चौहान को ‘‘हिमाचल श्री सम्मान पुरस्कार’’

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नाहन: मानवता की सेवा, त्याग, समर्पण सहिष्णुता, स्वच्छ प्रशासन तथा मानवीय गुणों जैसे लक्ष्यों को संजोए ज़िला सिरमौर के उपायुक्त पदम सिंह चौहान किसी पहचान के मोहताज नहीं है। गरीबों, दीन-दुखियों, दलितों की समस्याओं को करीबी से देखते हुए उनके निराकरण के लिए तत्काल कार्य में लग जाना इनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है। संस्कृत के प्रकांड विद्वान तथा उच्च कोटि का व्यक्तित्व इनकी सबसे अलग पहचान बना देता है। उपायुक्त पदम सिंह चौहान का जन्म 26 अप्रैल, 1953 को हिमाचल प्रदेश के मॉ शूलिनी की पवित्र नगरी सोलन में हुआ। प्रखर एवं कुशाग्र बुद्धि के फलस्वरूप श्री पदम सिंह चौहान ने स्नातक की उपाधि गोल्ड मैडलिस्ट एवं स्नातकोत्तर की उपाधि, एमफिल तथा एलएलबी की उपाधियां भी उत्कृष्ठता के साथ प्राप्त की। अपनी विशिष्ट प्रतिभा के फलस्वरूप ही श्री चौहान ने हिमाचल प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने बैच में शीर्ष स्थान पर रहे।

प्रशासक के रूप में सर्वप्रथम वर्ष 1982-83 में जीए टू डीसी हमीरपुर के पद पर कार्य आरम्भ किया। वर्ष 1984 में यह उपमण्डलाधिकारी (ना) जोगिन्द्रनगर नियुक्त हुए, जहां इन्होंने अपनी विशिष्ठ कार्यशैली के आधार पर वर्ष 1984 के दंगों का बड़ी कुशलता के साथ निपटारा कर दोषियों को सजा दिलवाई। इनकी कार्यकुशलता को देखते हुए सरकार द्वारा साम्प्रदायिक दंगों को सफलतापूर्वक नियंत्रण व साम्प्रदायिक सद्भाव को बनाए रखने के लिए विशेष पुरस्कार के लिए इनका नाम नामांकित किया गया। तीन वर्ष तक श्री चौहान निदेशक हिमफैड रहे इसके बाद विशिष्ठ सचिव वन विभाग तथा उसके बाद इन्होंने निदेशक युवा खेलकूद एवं उपायुक्त ज़िला ऊना में कार्य किया। वर्ष 2000 से अपनी विशिष्ठ कार्यशैली के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा स्तर पर कार्यरत है। वर्तमान में भारतीय प्रशासनिक सेवा कैडर प्राप्त होने पर जुलाई, 2009 से अपनी पूरी कर्तव्य निष्ठा को निभाते हुए ज़िला सिरमौर के विकास के साथ-साथ यहां के लोगों की सेवा कर रहे हैं। ऐसे जनहित में उनके त्याग, समर्पण, सहिष्णुता, स्वच्छ प्रशासन जैसे उत्कृष्ठ प्रशासनिक एवं मानवीय गुणों से अभिभूत होकर हिमोत्कर्ष की ज़िला सिरमौर शाखा द्वारा शिक्षक दिवस पर 5 सितम्बर, 2010 को रतन हैरिटेज पांवटा साहिब में पदम सिंह चौहान को ‘‘हिमाचल श्री सम्मान पुरस्कार’’ से सम्मानित किया जाएगा। पदम सिंह चौहान पहली विभूति है जिन्हें इस सम्मान से नवाजा जा रहा है।