नाहन: पशु पालन विभाग द्वारा शनिवार को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत धौलाकुंआ में एक दिवसीय भेड़ पालक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें किन्नौर, कांगड़ा, शिमला, चम्बा के लगभग 250 भेड़ पालकों ने भाग लिया। शिविर में वूल फैडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने कहा कि भेड़ पालकों की समस्याओं को देखते हुए प्रशिक्षण शिविर शुरू किए गए हैं जिसके तहत् नुरपूर, देहरा, हमीरपुर, उना, बिलासपुर, नालागढ़ व धौलाकुंआ में इनका सफल आयोजन सम्पन्न होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से भेड़ पालकों में एक नया उत्साह, आत्मविश्वास व आत्म स्वावलम्बन बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि भेड़ पालकों के बच्चों हेतु भेड़ पालक समृद्धि बीमा योजना शुरू की गई है जिसके तहत् 9वीं से 12वीं कक्षा तक पढ़ने वाले दो बच्चों को प्रतिमाह 100 रूपए बजीफा दिया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि 11 करोड़ रूपए की एक योजना कांगड़ा, चम्बा व मण्डी ज़िला के भेड़ पालकों के लिए आरम्भ की गई है जिसके तहत् भेड़ पालकों को निःशुल्क दवाईयां, मैढे़ व अन्य व्यवसाय से जुड़ी महत्वपूर्ण सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है साथ ही घुमन्तू भेड़ पालकों को टिकाकरण व दवाईयां मिले उसके लिए 24 चैकपोस्ट शुरू किए गए हैं तथा भेड़ पालकों के लिए 24 घण्टे निःशुल्क हैल्प लाईन भी शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि वह सीपीएस चैधरी सुखराम के साथ मिलकर भेड़-बकरियों के नस्ल में सुधार हेतु आस्ट्रेलियाई भेढ़ो के आयात करने हेतु मामला मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया जाएगा जिससे भेड़ पालकों को अच्छी नस्ल की भेड़ें प्राप्त हो। उन्होंने भेड़ पालकों की समस्याओं को देखते हुए कहा कि परमिट केवल 14 फरवरी को ही बनेंगे। उन्होंने आगे कहा कि बीमारी व प्राकृतिक आपदा में मरने वाली भेड़ों पर जो पहले मुआवजा 500 रूपये मिलता था उसे प्रदेश सरकार ने बढ़ाकर 1500 रूपये कर दिया है साथ ही उन्होंने बताया कि यह पहला मौका है कि कृषि व पशु पालन विभाग मुख्यमंत्री के पास है।
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव चैधरी सुखराम ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा भेड़ पालकों तथा किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए अनेकों कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि भेड़ पालकों के लिए सरकार द्वारा भेड़ पालक समृद्धि योजना लागू की गई है जिसके तहत् भेड़-बकरी पालकों को 40 भेड़-बकरी तथा दो नर मैढ़े उपलब्ध करवाने हेतु एक लाख रूपये का ऋण दिया जा रहा है जिसमें से 33,300 रूपए का अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। जबकि भेड़-बकरी पालक का भागधन 10 हजार रूपए होगा। इस मौके पर प्रशिक्षार्णियों को भेड़-बकरियों के प्राथमिक उपचार के लिए 1000 रूपये तक की दवाईयों की कीटें वितरित की। इस अवसर पर एसडीएम पांवटा श्री मनमोहन शर्मा, कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डॉ0 केके चड्डा, एसोसियेट डायरेक्टर डॉ0 राजेश गर्ग, प्रधान ग्राम पंचायत धौलाकुंआ श्री मलकियत सिंह, सरकारी अधिकारियों तथा कर्मचारियों सहित कई गणमान्य लोगांे ने भाग लिया।