शिमला: एपीजी शिमला विश्वविद्यालय ने पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए एक खास वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की। इस अभियान में सरकार के गणमान्य व्यक्ति, वन विभाग के अधिकारी, विश्वविद्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारी और छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “पेड़ लगाना सिर्फ एक पर्यावरणीय कार्य नहीं, बल्कि देश के प्रति हमारा कर्तव्य भी है।” उन्होंने छात्रों से ऐसे प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग लेने और एक स्वच्छ, सुरक्षित और हरा-भरा भारत बनाने में योगदान देने की अपील की।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों के लिए हरियाली और वृक्षों का महत्व बहुत ज़्यादा है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि “पेड़ लगाने के बाद उनकी देखभाल भी ज़रूरी है।” ताकि वे सही मायनों में प्रकृति और समाज के लिए लाभदायक बन सकें।
इस वृक्षारोपण अभियान का नेतृत्व एन.एस.एस. समन्वयक डॉ. प्यार सिंह ठाकुर और उनकी टीम ने किया। छात्रों और स्वयंसेवकों ने विश्वविद्यालय परिसर और उसके आसपास कई तरह के स्थानीय पौधे लगाए। इससे क्षेत्र की हरियाली और सुंदरता में और बढ़ोतरी होगी।
इस अभियान में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया, जिनमें प्रो-चांसलर डॉ. रमेश चौहान, सलाहकार इं. सुमन विक्रांत, रजिस्ट्रार डॉ. आर. एल. शर्मा, और डीन अकादमिक डॉ. आनंद मोहन जैसे कई गणमान्य लोग शामिल थे। शिमला वन विभाग से अनीकेत वानवे (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) और अजीत कुमार (रेंज ऑफिसर) ने भी इसमें सक्रिय भागीदारी निभाई।
कार्यक्रम का समापन रजिस्ट्रार डॉ. आर. एल. शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने सभी अतिथियों, अधिकारियों और छात्रों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वृक्षारोपण को एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया बनाएं और पर्यावरण संरक्षण के इस कार्य को आगे भी जारी रखें।