शिमला: प्रदेश सरकार ने आज ए.सी.एस. गृह ओंकार शर्मा, डी.जी.पी. डॉ. अतुल वर्मा और एस.पी. शिमला संजीव गांधी को लम्बी छुट्टी पर भेज दिया है। एक अधिसूचना के अनुसार ओंकार शर्मा से सभी विभाग वापस लेकर तीन अन्य आई.ए.एस. अधिकारियों को सौंप दिए गए हैं। एक अन्य अधिसूचना के अनुसार डी.जी. विजिलेंस अशोक तिवारी को डी.जी.पी. का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।
वहीं एक अधिसूचना के अनुसार एस.पी. शिमला का कार्यभार जिला सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह को दिया गया है। अधिसूचनाओं के अनुसार डी.जी.पी. डॉ. अतुल वर्मा ने अर्जित अवकाश और एस.पी. संजीव गांधी ने मेडिकल लीव पर दर्शाया गया है।

सरकार का यह कदम पिछले दिनों अफसरशाही की अनुशासनहीनता के खिलाफ कार्यवाही के रूप में देखा जा रहा है। जानकारी मिली है कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई उच्च अधिकारियों की बैठक में तीनों अधिकारियों की भूमिका पर चर्चा के बाद सरकार ने इन्हें छुट्टी पर भेजने का निर्णय लिया। उल्लेखनीय है कि SP शिमला संजीव गांधी पर प्रेस वार्ता के बाद अफसरशाही की तनातनी खुलकर उजागर हुई थी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू दिल्ली से लौटने के बाद ही अधिकारियों की भूमिका पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। मुख्यमंत्री ने पिछले कल प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट तोर पर कहा था कि राज्य सरकार प्रशासनिक अनुशासन और विभागीय समन्वय को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी।
उल्लेखनीय है कि यह सारा मामला चीफ इंजीनियर विमल नेगी के रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता होने और उनका शव बरामद होने के बाद से जांच को लेकर सुर्खियों में रहा है। जांच के मामले में पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं। शिमला के SP और DGP की रिपोर्टों में भारी अंतर सामने आया। बाद में हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अब मामले की जांच शुरू कर दी है।