मंडी: बरसात के मौसम में होने वाली उल्टी, दस्त और डायरिया रोग के बारे में बुधवार को मातृ-शिशु अस्पताल मंडी में एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्य चित्किसा अधिकारी डा0 देवेन्द्र शर्मा ने की।
डा0 देवेन्द्र शर्मा ने इस अवसर पर बताया कि उल्टी-दस्त होने से शरीर में जरूरी नमक और पानी की मात्रा कम हो जाती है । यदि बच्चों को दस्त हो जाये तो बच्चा कमजोर और कुपोषित हो जाता है तथा कमजोर होने से मौत भी हो सकती है । विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व की 10 लाख मौतें दस्त के कारण होती है और बच्चों में डायरिया मौत का बड़ा कारण है । उन्होंने बताया की ओ0आर0एस0 के सेवन से 93 प्रतिशत मौतों को बचाया जा सकता है । ओ0आर0,एस0 छोटे बच्चों के लिये वरदान है। यह सिर्फ बच्चों के लिये ही नही बल्कि व्यस्कों, बुजूर्गो में भी पानी की कमी की समस्या को दूर करता है ।
उन्होंने बताया कि जिला में संघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ जून 2022 के तहत आशा कार्यकर्ताओं ने घर-घर जा कर लोगों को ओ0आर0एस0 और जिंक के उपयोग के बारे में जागरूक किया गया था।
शिशु रोग विशेषज्ञ डा0 यामिनी ने बताया कि छोटे और व्यस्कों में दस्त रोग के कारण शारीरिक विकास धीमा हो जाता है, कमजोरी की वजह से बच्चे किसी भी बिमारी का आसानी से शिकार हो जाते हैं । इसलिये उल्टी दस्त होने पर ओ0आर0,एस0 पीने से दस्त में कमी तथा शरीर में पानी की कमी भी पूरी होती है, साथ ही थकान और कमजोरी भी दूर होती है ।
स्वास्थ्य शिक्षक सोहन लाल ने बताया की यदि किसी भी बच्चें में दस्त के कारण कोई भी लक्षण जैसे मल में खून आना, अधिक प्यास लगना, बेहोश होना, तेज सांस चलना, कुछ भी खाने में असमर्थ होना या बार-बार उल्टी होना आदि हो तो तुरन्त उसे अस्पताल ले जायंे । इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी, आशा कार्यकर्ताओं तथा दूध पिलाने वाली माताओं सहित लगभग 100 लोगों ने भाग लिया ।