धर्मशाला: प्रतिस्पर्धा के इस युग में विद्यार्थियों को कठिन परिश्रम करने की बहुत आवश्यकता है, तभी वह अपने उद्देश्य को हासिल करने में सफल हो सकते हैं क्योंकि परिश्रम ही सफलता की कुंजी होती है।
यह विचार उपायुक्त, कांगड़ा आरएस गुप्ता ने मंगलवार को डीएवी कालेज कांगड़ा में नए शैक्षणिक सत्र के शुरू होने पर आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर बतौर मुख्यातिथि उपस्थित प्राध्यापकों व विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये।
उन्होंने बताया कि शिक्षण संस्थान वह कार्यशालाएं होती हैं, जहां बच्चों का शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास होता है तथा शिक्षकों का नैतिक कर्त्तव्य बन जाता है कि वह निःस्वार्थ भाव से बच्चों को सुसंस्कारित बनायें ताकि युवा बनकर समाज व राष्ट्र की सेवा कर सकें।
उन्होंने कहा कि डीएवी एक ऐसी सामाजिक संस्था है, जिनके द्वारा पूरे देश में बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने पर अहम भूमिका निभाई जा रही है।
स्थानीय कालेज की मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उपायुक्त ने कहा कि कालेज परिसर में हैंण्डपम्प स्थापित करने के लिए प्राक्कलन तैयार कर प्रस्तुत किया जाए, जिसके लिये उपयुक्त धनराशि प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त उन्होंने सभागार को निर्मित करने के लिये विकास में जनसहयोग योजना के तहत धनराशि प्रदान करने का आश्वासन दिया।
कालेज के प्राचार्य आरके औहरी ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कालेज की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर उपमण्डलाधिकारी(नागरिक) कांगड़ा नीरज कुमार, स्थानीय कालेज प्रबन्धन समिति के सदस्य, प्राध्यापकों सहित बच्चों ने भाग लिया।