नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने आज यहां इंजीनियरिंग शिक्षा पर भारत अमेरिका सम्मेलन का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने ‘21वीं सदी में विश्वविद्यालय:अभिनवता को प्रोत्साहन और शिक्षा’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इस समय जरूरत इस बात की है कि हम शिक्षण के पुराने तरीकों को छोड़कर उनकी जगह सहयोगपूर्ण शिक्षण विधि को अपनाएं।
श्री सिब्बल ने कहा कि ‘सामूहिक उत्पादन’ वाली शिक्षण प्रणाली में अध्यापक एक प्रसारक की तरह होता है। इस तरह की शिक्षा पुराने समय, उस समय की अर्थव्यवस्था और उस वक्त की पीढ़ी के लिए उचित हो सकती है, लेकिन वह आज के छात्रों की नई पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पा रही है। आज के छात्र नई वैश्विक ज्ञान अर्थव्यवस्था में प्रवेश कर रहे हैं।
इस दो दिवसीय सम्मेलन को उच्च शिक्षा विभाग की सचिव श्रीमती विभा पुरी दास और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव श्री टी. रामासामी ने भी संबोधित किया।