संवाददाता

कर्मचारियों के वेतन भुगतान पर हिमाचल खर्च रहा 4450 करोड़ रुपये

शिमला: प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों के वेतन भुगतान पर 4450 करोड़ रुपये वार्षिक तौर पर व्यय कर रही है। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आज यहां पांचवें राष्ट्रीय-राज्य सरकारी कर्मचारी संघ के दो दिवसीय समारोह के उद्घाटन अवसर पर यह बात कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को देय लाभ समय≤ पर प्रदान कर रही है। वित्त आयोग ने राज्य सरकार की प्रतिबद्ध देनदारियां का मूल्यांकन लगभग 1800 करोड़ रुपये आंका है, जो वास्तव में कम है। कर्मचारियों का वेतन भुगतान 4450 करोड़ रुपये बनता है जबकि वित्त आयोग ने इसे 3600 करोड़ रुपये आंका है। इसी प्रकार पैंशनरों का भुगतान 1850 करोड़ रुपये बनता है जबकि इसे 1400 करोड़ रुपये आंका गया है। विभिन्न ऋणों पर देय ब्याज 1800 करोड़ रुपये आंका गया है, जबकि वास्तिवक मूल्य 1850 करोड़ बनता है।

प्रो. धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गत अढ़ाई वर्षों के दौरान दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी में 45 रुपये की वृद्धि की है, जिससे पत्येक श्रमिक को 16,425 रुपये का वार्षिक लाभ हुआ है। कामकाजी महिलाओं को रक्षा बंधन, भैया दूज तथा करवा चौथ पर सार्वजनिक अवकाश की सुविधा प्रदान की गई है तथा रक्षा बंधन एवं भैया दूज पर प्रदेश परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान की गई है। मुस्लिम महिलाओं को भी ईद महोत्सव पर निःशुल्क बस यात्रा की सुविधा प्रदान कर दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के साथ सौहार्दपूर्ण सम्बंध हैं तथा उनकी सभी जायज मांगों को आपसी बातचीत के माध्यम से हल किया किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा गत 33 माह के दौरान कर्मचारियों के हित में लिए गए निर्णयों से सभी वर्ग लाभान्वित हुए हैं।

प्रो. धूमल ने कहा कि हिमाचल वीरों की भूमि है तथा देश के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोम नाथ शर्मा भी हिमाचल से थे। कारगिल युद्ध के लिए प्रदान किए गए परमवीर चक्रों में से दो परमवीर चक्र भी प्रदेश के जाबाजों ने प्राप्त किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवा देश की सेनाओं एवं अर्द्ध-सैनिक बलों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहें हैं। प्रदेश सरकार सेना में भर्ती के लिए भर्ती योग्य आबादी (आर.एम.पी) के नियमों को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयासरत है, क्योंकि प्रदेश के अधिक से अधिक युवा सेना में अपनी सेवाएं प्रदान करने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल एक छोटा पहाड़ी राज्य है तथा सैन्य बलों में नई भर्तियांे की संख्या कम है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सेवारत एवं भूतपूर्व सैनिकों के हितों के प्रति कृतसंकल्प है, जिन्होंने देश के लिए बहुमूल्य सेवाएं दी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम जल विद्युत परियोजना भाखड़ा भी प्रदेश के पानी पर स्थापित हुई है जिससे उत्तरी राज्यों को समुचित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हुई है और यह क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय हितों का एक बेहतर उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्वोत्तर राज्यों की तर्ज पर दिसम्बर, 2002 में विशेष औद्योगिक पैकेज प्रदान किया था, जो 31 मार्च 2013 तक की अवधि के लिए था। लेकिन इस विशेष औद्योगिक पैकेज को केन्द्र सरकार ने समाप्त कर दिया है जो दुःखदायी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार राज्य के वैधानिक अधिकारों की अनदेखी कर रही है।

प्रो. धूमल ने कर्मचारियों हितों की रक्षा के लिए अपनी सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बाबजूद कर्मचारी राज्य सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को कार्यान्वित करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों का हिमाचल आने पर स्वागत किया तथा शिमला में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के सफल आयोजन की कामना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी प्रतिभागी राज्य की मधुर समृतियां लेकर लौटेंगे। उन्होंने सभी को पुनः हिमाचल आने का आमंत्रण भी दिया। उन्होंने भारतीय मजदूर संघ को इसके सदस्यों में हुई वृद्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखने की अपील की तथा राष्ट्र विरोधी तत्वों से मुकाबला करने का आह्वान किया।

राष्ट्रीय-राज्य सरकारी कर्मचारी परिसंघ के अध्यक्ष श्री मोहिन्द्र जैन ने कहा कि इस सम्मेलन में 18 राज्यों के प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों के हितों को संरक्षित बनाने की प्रशंसा की। उन्होंने सम्मेलन की कार्यवाही का विस्तृत ब्यौरा दिया तथा कहा कि इस दौरान कर्मचारी हितों की रक्षा के लिए परिसंघ द्वारा अनेक प्रस्ताव रखे जायेंगे।

राष्ट्रीय-राज्य सरकारी कर्मचारी परिसंघ के उपाध्यक्ष श्री राम दौर सिंह ने कहा कि परिसंघ ने राष्ट्रीय हितों को हमेशा निजी हितों से ऊपर रखा है। उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय स्तर पर 1.5 करोड़ से अधिक सदस्य हैं तथा असंगठित क्षेत्र से मजदूरों को भी सदस्यता प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने वेतन विसंगतियों को दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया।

राष्ट्रीय-राज्य सरकारी कर्मचारी परिसंघ के सचिव श्री विपिन डोगरा ने दिहाड़ी में एक मुश्त 25 रुपये वृद्धि करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को प्रदेश के कर्मचारियों की विभिन्न मांगों से अवगत करवाया।

श्री सीता राम चन्देल ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष श्री गिरिश अवस्थी, आर.एस.एस. के प्रचाररक श्री बलवीर पंत, विधायक श्री सुरेश भारद्वाज, हिमुडा के उपाध्यक्ष श्री गणेश दत्त, विभिन्न राज्यों के कर्मचारी संघों के अध्यक्ष, उपायुक्त शिमला श्री जे.एस. राणा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

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