शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ ने स्वास्थ्य मंत्री के बेटे द्वारा सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को कथित तौर पर “भ्रष्ट” कहे जाने वाले बयान की कड़े शब्दों में निंदा की है। महासंघ ने इस बयान को गैर-जिम्मेदाराना और पूरे कर्मचारी वर्ग का अपमान बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री से इस पर अपने बेटे से स्पष्टीकरण दिलवाने की मांग की है।
मंगलवार को एक संयुक्त बयान जारी करते हुए महासंघ के हिमाचल प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेश कुमार, महासचिव उमेश कुमार, वरिष्ठ पदाधिकारी चमन लाल, गौतम दुलटा, सुशील शर्मा, जगदीश राणा, नरेश शर्मा, विपिन डोगरा, चमन लाल कलवान, प्रैस सचिव पंकज शर्मा एवं अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारी राज्य के विकास की रीढ़ हैं और दिन-रात ईमानदारी से जनता की सेवा करते हैं। उन्होंने कहा कि किसी की व्यक्तिगत या राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए पूरे कर्मचारी वर्ग को बदनाम करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि इस तरह के बयानों से न केवल कर्मचारियों का मनोबल गिरता है, बल्कि जनता में भी एक गलत संदेश जाता है। यदि किसी एक अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कोई शिकायत है तो उसके लिए कानूनी प्रक्रिया है, लेकिन सार्वजनिक मंच से सभी को भ्रष्ट कहना अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है।
महासंघ ने स्वास्थ्य मंत्री से अपेक्षा की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और भविष्य में इस तरह की बयानबाजी पर रोक लगाना सुनिश्चित करें। महासंघ ने कहा कि कर्मचारी समाज ऐसे असंवेदनशील बयानों से विचलित हुए बिना ईमानदारी से अपनी सेवाएं देता रहेगा।