कांगड़ा घाटी के मंदिरों में अब सारा साल पर्यटको व श्रद्घालुओ का आगमन

ज्वालामुखी: ज्वालामुखी में श्रद्घालुओ के लिये बेहतर माहौल मन्दिर प्रशासन तैयार करेगा । कांगड़ा घाटी के मंदिरों में अब सारा साल पर्यटको व श्रद्घालुओ का आगमन होने लगा है। प्रमुख रूप से ज्वालामुखी, कांगड़ा, चामुण्डा मंदिरों में आमदन भी बढ़ी है। यह मंदिर सरकारी नियंत्रण मे है। सरकारी नीति के तहत काम किया जा रहा है कि आमदन का उपयोग श्रद्घालुओ की सुविधाओं के लिये होगा। वहीं शिक्षा स्वास्थ्य और सामाजिक गतिविधियों में भी मंदिर की आमदनी का इस्तेमाल हो रहा है।

कांगडा के जिलाधीश आर एस गुप्ता बताते हैं कि ज्वालामुखी में मंदिर टृस्ट डिग्री कालेज, संस्कृत कालेज व होम्योपैथिक डिसपैंनसरी चलाई जा रही है। संस्कृत कालेज मे करीब तीन सौ छात्र संस्कृत व पंडित्य कर्म की शिक्षा हासिल कर रहे हैं। संस्कृत कालेज मंदिर परिसर मे ही पुराने भवन में चल रहा है, जहां जगह की कमी महसूस की जा रही है। लेकिन अब इसे सत्संग भवन क ेसाथ लगती खाली जमीन पर नया भवन बनबाया जायेगा। इस कार्य में करीब पच्चीस लाख रूपये प्रथम चरण में ही खर्च किये जायेगे। जगह के चयन करने के पीछे सोच रही है कि सत्संग भवन व यात्री निवास व संगीतमय पव्वारे के आसपास लोगों का आगमन बढय़ा जाये। वही यहां पढऩे वाले छात्रों को मंदिर मे ही कर्म- कांड व दूसरे कार्यो मे मौका हासिल होगा।

मंदिर के बारीदारो के बच्चें भी यहां शिक्ष कर रहे हैं। पिछले दिनों बारीदारो के लिये पुनशचर्या कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षत किया गया था, बाहर से आने वाले श्रद्घालुओ के लिये परिसर मे निशुल्क भोजन व शिक्षा सुविधा प्रदान की जा रही है वही करीब तीस हजार रूपये की दवाइयो के मेला मे स्थानीय अस्पताल के माध्यम से दिया जाता है। इलाके की निर्धन परिवारो की लड़कियो के विवाह के लिये भी प्रशासन सहयोग देता है। यही नहीं प्रमुख बाजार में रोशनी का प्रबन्ध मंदिर टृस्ट ने ही किया है। परिसर मे चल रहे निर्माण कार्यो मे जे. पी. उद्योग ने करीब 90 लाख रूपये दिये, वही प्रवासी भारतीय आई. डी. शर्मा करीब तीन करोड़ रूपये का सहयोग दे चुके हैं। दिल्ली के आद्या कात्यानी मंदिर टृस्ट ने भी करोड़ो रूपये दिये हैं।

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