ज्वालामुखी: साडा के अन्तर्गत आने वाले कांगड़ा जिला के 280 गांवों को सरकार द्वारा राहत प्रदान की गई है। जिसमें योजना क्षेत्र धर्मषाला में 29 तथा पालमपुर में 15, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण चामुण्डा के 14, बीड़ विलिंग के 7 पौंग डैम के 196 तथा गरली परागपुर के 19 गांव शामिल हैं।
यह जानकारी उपायुक्त कांगड़ा श्री आर.एस. गुप्ता ने दी।
उन्होंने कहा कि विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अधीन ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राहत प्रदान करने के दृश्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा नगर एवं ग्राम योजना अधिनियम 1977 में संशोधन करके विशेष छूट प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि गरली परागपुर की नौ पंचायतों के 19 गांव शौंत, बहादु, हार, दयाल, नलेटी, भजनाथ, परागपुर, गढ़, मोहीं, बणी, गरली, नत्थू, मैरा, मतूमरी, धुलावर, सदवां, वन सदवाड़ी, निचला कलोह व ब्रह्मनगर के लोगों को साडा के नियमों से छूट दी गई है।
उपायुक्त ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदान की गई राहत के फलस्वरूप अब इन क्षेत्रों के लोगों को तीन मंजिल तक आवासीय भवनों, गौशाला इत्यादि के निर्माण के लिये नगर नियोजन विभाग से नक्षा पारित करवाने की आवष्यकता नहीं होगी। इसके अतिरिक्त इन क्षेत्रों में 100 वर्गमीटर क्षेत्रफल में दो मंजिला भवन तक आधारभूत वाणिज्य क्रियाकलापों के लिये आम विक्री वाली दुकानों के लिये भी स्वीकृति की आवष्यकता भी नहीं होगी।
श्री गुप्ता ने कहा कि इन ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा उद्योग जैसे कुटीर या हाऊस होल्ड सेवा उद्योग के अन्तर्गत बढ़ई, कढ़ाई-बुनाई, बारवर, लोहार, सुनार तथा पांच अष्वषक्ति तक की आटा चक्की, पन्नचक्की, कृशि उपकरण अथवा मषीनरी मरम्मत इत्यादि और अन्य जन सुविधाओं पंचायत घर, विद्यालय, महिला मण्डल, युवक मण्डल, सामुदायिक हाल तथा अन्य सरकारी भवनों को भी नगर निगम की षर्तों से बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा कि निर्माण कर्ता को यह सुनिश्चित करना होगा कि निर्माण कार्य अपनी भूमि पर ही किया जाए तथा अतिक्रमण न हो और कम से कम प्रत्येक भवन के साथ तीन मीटर का रास्ता छोड़ना अनिवार्य होगा।
उपायुक्त ने पंचायत के पदाधिकारियों से आग्रह किया कि वह ग्राम सभा की बैठकों में लोगों को सरकार द्वारा प्रदान की गई इस विशेष छूट बारे जानकारी दें ताकि लोगों को सरकार की इस राहत का लाभ मिल सके। उन्होंने पंचायत पदाधिकारियों को जानकारी दी कि वह गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को वर्शा जल संग्रहण के भण्डारण टैंक का निर्माण नरेगा के तहत किया जा सकेगा जिसके लिये सभी पंचायतें पात्र परिवारों की सूची ग्राम सभा से अनुमोदित करवाकर स्वीकृत हेतू भेज दी जाएं।