कांगड़ा जिला में स्थापित होंगे 2190 पॉलीहाऊस

ज्वालामुखी: हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य की 92 प्रतिशत ग्रामीण आबादी कृषि पर निर्भर है, जिसमें 69 प्रतिशत जनसं या को प्रत्यक्ष रूप से कृषि के माध्यम से रोजगार प्राप्त हो रहा है। कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में 353 करोड़ रूपये की पंडित दीन दयाल किसान-बागवान योजना प्रारम्भ की गई है। जिसके तहत किसानों को पॉलीहाऊस निर्माण तथा उसके भीतर सूक्ष्म सिंचाई की व्यवस्था करने पर 80 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पॉलीहाऊस किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में एक सशक्त भूमिका अदा कर रहा है। परम्परागत ढंग से खेती करने की अपेक्षा पॉलीहाऊस में उत्पादन क्षमता कई गुणा अधिक है और सरकार ने पॉलीहाऊस निर्माण पर 80 प्रतिशत उपदान की व्यवस्था करके किसानों के लिये सुनहरा अवसर प्रदान किया है ताकि गरीब तथा सीमित भूमि वाले किसान भी पॉलीहाऊस स्थापित कर अधिक से अधिक नकदी फसलों का उत्पादन कर लाभ कमा सकें।

इस योजना की मुख्य विशेषता यह है कि जो गरीब एवं जरूरतमंद किसान पॉलीहाऊस लगाने में 20 प्रतिशत हिस्सा अदा कर पाने में असमर्थ हैं, वह मजदूरी के रूप में भी अपना 20 प्रतिशत हिस्स दे सकते हैं ताकि कोई भी किसान इस योजना का लाभ उठाने से वंचित न रहे। इस महत्वकांक्षी पॉलीहाऊस योजना के अन्तर्गत कांगड़ा जिला में चालू वित्त वर्ष के दौरान 1,76,700 वर्गमीटर क्षेत्र में 2190 पॉलीहाऊस लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिये सरकार द्वारा 5 करोड़ 87 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। पॉलीहाऊस में किसान बेमौसमी सब्जियां एवं पुष्पोत्पादन कर सकते हैं। कृषि विशेषज्ञ के अनुसार खुले में फसल लगाने की अपेक्षा पॉलीहाऊस में 8 से 10 गुणा अधिक उत्पादन किया जा सकता है। इनका मानना है कि एक हैक्टेयर भूमि में शिमला मिर्च उत्पादन क्षमता केवल 250 से 300 क्ंिवटल हो सकती है, जबकि पॉलीहाऊस में 1000 से 1200 क्ंिवटल उत्पादन की क्षमता है।

इसी प्रकार 500 वर्गमीटर के खुले खेत में टमाटर का उत्पादन लगभग 20 क्ंिवटल जबकि इतने ही क्षेत्रफल वाले पॉलीहाऊस में 85 से 90 क्ंिवटल उत्पादन कई प्रगतिशील किसानों द्वारा किया जा रहा है। पंडित दीनदयाल किसान बागवान समृद्धि योजना के तहत 40 वर्ग मीटर पॉलीहाउस के निर्माण पर आने वाली कुल लागत लगभग 53,600 रूपये होती है, जिसमें से 42,880 रूपये का उपदान दिया जा रहा है। इसी प्रकार 100 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में निर्मित किये जाने वाले पॉलीहाउस पर लगभग एक लाख रूपये की कुल लागत पर 80,800 रूपये और 250 वर्ग मीटर के पॉलीहाउस के निर्माण पर आने वाली कुल लागत 2 लाख 18 हजार रूपये की राशि में से 1.74 लाख रूपये का उपदान दिया जा रहा है। किसानों की सुविधा के लिये योजना की औपचारिकताओं का सरलीकरण किया गया है ताकि किसान बिना किसी संशय एवं संकोच से अपना आवेदन संबन्धित खण्ड के कृषि विकास अधिकारी को दे सकें जिसे सरकार द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जिनके द्वारा निर्माण स्थल का निरीक्षण करने के उपरान्त मामला स्वीकृति हेतू उच्च अधिकारी को प्रस्तुत किया जाता है तथा औपचारिकताएं पूर्ण होने पर अविल ब स्वीकृति प्रदान कर दी जाती है।

अब तक कांगड़ा जिला में 120 किसानों द्वारा पॉलीहाऊस स्थापित करने के लिये आवेदन किया गया है, जिसमें से 106 किसानों के पॉलीहाऊस स्वीकृत कर दिये गये हैं। किसानों को पॉलीहाऊस स्थापित करने के लिये कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षण विभिन्न कृषि प्रशिक्षण केन्द्रों में विशेष व्यवस्था की गई है ताकि किसान वैज्ञानिक ढंग से पॉलीहाऊस के माध्यम से खेती कर अधिक से अधिक उत्पादन कर अपनी आर्थिकी सुदृढ़ कर सकें। पॉलीहाऊस बेरोजग़ार शिक्षित युवाओं के लिये आजीविका कमाने का एक सशक्त माध्यम बन सकता है। जिसके लिये सरकार तकनीकी प्रशिक्षण एवं उदारता से वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है और समय आ गया है कि किसानों को पर परागत फसलों के साथ-साथ नगदी फसलों के उत्पादन की ओर अपना ध्यान केन्द्रित करना होगा ताकि प्रदेश का किसान खुशहाल और समृद्ध हो।