कांगड़ा में स्थापित होंगी 793 स्प्रिंकल सिंचाई ईकाइयां: उपायुक्त

धर्मशाला: पंडित दीन दयाल किसान बागवान समृद्धि योजना के दूसरे चरण के अन्तर्गत सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत स्प्रिंकल एवं ड्रिप सिंचाई सुविधा प्रदान करने के दृष्टिगत कांगड़ा जिला में चालू वित्त वर्ष के दौरान 3 करोड़ 34 लाख रूपये की लागत से 793 स्प्रिंकल सिंचाई ईकाइयां स्थापित की जाएंगी।

यह जानकारी देते हुए उपायुक्त कांगड़ा ने बताया कि इस महत्वकांक्षी योजना के तहत किसानों को जलसंसाधनों के सृजन पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में 944 हैक्टेयर भूमि को स्प्रिंकल एवं टपक सिंचाई योजना के तहत लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि स्प्रिंकल योजना वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पानी की कमी वाले क्षेत्रों में बहुत अधिक प्रभावशाली सिद्ध हो रही है। क्योंकि स्प्रिंकल सिंचाई में साधारण सिंचाई की अपेक्षा एक चौथाई जल का प्रयोग होता है।

इस योजना के प्रथम चरण का उल्लेख करते हुए उपायुक्त ने जानकारी दी कि कांगड़ा जिला के लिये अब तक 777 पॉलीहाऊस स्वीकृत किये जा चुके हैं, जिनमें से दो हैक्टेयर भूमि पर 103 पॉलीहाऊस का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, जिस पर 39 लाख रूपये की राशि अनुदान के रूप में किसानों को उपलब्ध करवाई गई।

श्री आर.एस. गुप्ता ने बताया कि जिला में चार वर्षों के दौरान 2,437 पॉलीहाऊस स्थापित किये जाएंगे, जिनमें से चालू वित्त वर्ष के दौरान 813 पॉलीहाऊस स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिस पर पांच करोड़ 69 लाख रूपये की अनुदान राशि व्यय की जा रही है। उन्होंने जानकारी दी कि पॉलीहाऊस के निर्माण हेतू छः कम्पनियों को अनुबन्धित किया गया है।

इस योजना की जानकारी देते हुए उपायुक्त ने कहा कि सरकार द्वारा पॉलीहाऊस के निर्माण के लिये कुल लागत राशि में से 80 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में किसानों को उपलब्ध करवा रही है। इसके अतिरिक्त शेष 20 प्रतिशत हिस्सा के अदायगी के लिये किसानों को मज़दूरी के रूप में भी अदायगी की सुविधा प्रदान की है ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।

उपायुक्त ने जानकारी दी कि जिला के किसानों द्वारा आधुनिक तकनीक से खेती करने में विशेष रूचि पाई गई है और अब तक पॉलीहाऊस निर्माण के लिये कुल 910 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 777 पॉलीहाऊस निर्माण के लिये स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। जिला में 108 पॉलीहाऊस बैजनाथ, 87 पंचरूखी, 130 भवारना, 74 भेडू महादेव, 31 लम्बागांव, 67 नगरोटा बगवां, 32 कांगड़ा, 43 रैत, 26 देहरा, 31 प्रागपुर, 16 नगरोटा सूरियां, 39 नूरपुर, 40 इंदौरा तथा 46 फतेहपुर विकास खण्डों के लिये स्वीकृत किये गये हैं।

श्री गुप्ता ने किसानों को सलाह दी है कि जिन किसानों को पॉलीहाऊस निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है और अनुबंधित कम्पनी इस कार्य को नहीं कर पा रही है, तो ऐसे किसान पॉलीहाऊस के निर्माण के लिये कृषि विभाग द्वारा अन्य अनुबन्धित की गई कम्पनियों से भी कार्य करवा सकते हैं। जिसके लिये उन्हें कृषि विभाग को सूचित करना अनिवार्य होगा।

उपायुक्त ने कहा कि कांगड़ा जिला में पॉलीहाऊस निर्माण के लिये सात कम्पनियां अनुबन्धित की गई हैं, जिनमें जैन इरिगेशन सिस्टम लिमिटेड, पालमपुर दूरभाष 9459135910, मैसर्ज ईरा इंडस्ट्रीज़, सोलन दूरभाष 9418000303, मैसर्ज़ कम्पलीट सोल्यूशन प्राइवेट, कुराली दूरभाष 0172-2551480, मैसर्ज हिमालयन फलोरा, शिमला दूरभाष 9816027774, मैसर्ज़ चुराह वैली, चम्बा दूरभाष 01896-277064, मैसर्ज शिवालिक एग्रो इंजीनियर्ज, सोलन दूरभाष 01792-221859 तथा मैसर्ज साई स्टील कम्पनी एण्ड कन्सल्टैंटस, हमीरपुर दूरभाष 94180-90947 हैं।

उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा कृषि को बढ़ावा देने के लिये जिला में मृदा परीक्षण कार्यक्रम को भी प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया जा रहा है तथा जिला में गत दो वर्षों में 24 हजार मिट्टी के नमूने एकत्रित किये गये तथा 12 हजार किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करके भूमि की उपजाऊ क्षमता के अनुसार खेती करने की सलाह दी गई।

उपायुक्त ने किसानों से आग्रह किया है कि वह कृषि में विविधता लाएं तथा पारंपरिक कृषि के साथ-साथ नकदी फसलों का भी उत्पादन करें क्योंकि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन से किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ हो रही है तथा किसानों को वैज्ञानिक तकनीक से कृषि करनी चाहिए जिसके लिये सरकार निःशुल्क तकनीकी प्रशिक्षण, उपदान पर कृषि उपकरण व प्रमाणित उन्नत किसम के बीज़ इत्यादि उपलब्ध करवा रही है।

Demo