ज्वालामुखी: कांगडा के एस पी अतुल फुलजले को कौन नहीं जानता। भारतीय पुलिस सेवा के इस अधिकारी को खासी चरचा दस समय मिली जब उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत बेहतर सूचना अधिकारी का पुरूस्कार जीता। अतुल ने हालांकि एम बी बी एस की डिग्री हासिल की है। लेकिन डाक्टरी पेशे में कदम रखने के बजाये उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा में जाना बेहतर समझा। चूंकि शुरू से ही उनका रूझान अपराध की ओर था। पुलिस सेवा में आने के बाद उन्होंने अपराध व अपराधियों को पकडने में कई नये प्रयोग किये। जो इस कदर सफल रहे कि उनकी चरचा आज भी हर जगह होती है। कांगडा जिला में एस पी के पद पर आने के बाद देश में जब सूचना का अधिकार विधेयक पास हुआ तो उन्होंने न केवल अपने पास आये कई आवेदनों को सूचना अधिकारी के नाते निपटाया बल्कि एक रिकार्ड भी बनाया। तमाम अवरोधों को पार करते उन्होंने मात्र तीस दिन में ही १९३ आवेदनों का जवाब सूचना के अधिकार के तहत दिया। जो कि एक रिकार्ड है। बीते साल ही उन्हें देश के बेस्ट पी आई ओ का रनर अप एवार्ड मिला था। कांगडा के एस पी अतुल फलजले का मानना है कि देश में आया यह कानून अनूठा है। इसके माध्यम से भ्रष्टाचार से लडने के लिये आम आदमी न के वल ताकत मिली है बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से अपने फैसले भी ले पायेंगे। वह मानते हैं कि अधिकारियों को इस की अनुपालना के लिये बेहतर ट्रेनिंग दी जानी चाहिये। ताकि कोई भी इसे अन्यथा न ले। उन्होंने दलील दी कि सभी पी आई ओ को आवेदकों का खुले मन से स्वागत करना चाहिये। हर आवेदन का समय पर जवाब देना चाहिये। क्या पता हमारी ओर से उपलब्ध करायी गयी कोई जानकारी समाज की दशा व दिशा न बदल दे। सामाजिक परिवर्तन के लिये आर टी आई मजबूत व महत्वपूर्ण हथियार है। बकौल उनके अमूमन पुलिस महकमें में जांच अधिकारी कोई सूचना देने में हिचक दिखातें हैं। केस की पडताल के दौरान कोई सूचना नहीं दी जाती। हमें इस मानसिकता को बदलना है।