कानून के रखवाले ही तोड रहे हैं ज्वालामुखी में कानून

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ज्वालामुखी : ज्वालामुखी में यातायात पुलिस के दस्ते के रवैये को लेकर इन दिनों लोगों में रोष है। यातायात पुलिस के लोग हर दिन बौहन चौक पर नाका लगाकर न केवल चालान कर रही है बल्कि यात्रियों से भी मारपीट कर रही है। ताज्जुब की बात है कि यहां यातायात नियंत्रण के लिये बाकायदा एक ट्रेफिक लाईट लगाई गई है लिहाजा यहां पर नाका नहीं लगाया जा सकता। लेकिन यहां इसकी वजह से घंटों ट्रेफिक जाम की हालत बनती जा रही है। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड रहा है। रविवार को भी यहां हालात कुछ इस तरह के ही थे। पंजाब के नकोदर से आये रणजीत ने बताया कि पहले पुलिस वाले उसके साथ मारपीट करने लगे साथ ही वहां का दुकानदार भी था व बाद में उससे दो सौ रूपये ले लिये गये। यही हाल कुछ दूसरे लोगों के साथ हुआ। ज्वालामुखी में तैनात टै्रफिक पुलिस की कार्यशैली शुरू से ही विवादों में रही है ।

बस अड्डे के पास से गुजर रहे शिमला धर्मशाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात को सुगम बनाने के लिए सब इंस्पेक्टर के साथ दर्जन भर लोग तैनात हैं , लेकिन दुखद पहलू यह है कि ज्वालामुखी में हर समय ट्रेफिक जाम की समस्या रहती है । जिससे वाहन चालक व स्थानीय लोग परेशान रहते हैं । हर समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है । आरोप लगाया जा रहा है कि जवान अपने कर्तव्य को भूलकर लूट खसूट में ज्यादा मशगूल रहते हैं । सबसे अधिक शिकार पंजाब से आने वाले तीर्थ यात्रि होते हैं । हर रोज नादौन रोड पर कालेज के पास व देहरा रोड़ पर बोहण चौक के पास पुलिस वाले नाका लगाकर एंट्री के नाम पैसा ऐंठते देखे जा सकते हैं । बोहण चौक से लेकर होटल ज्वालाजी तक कोई चालक भूल से भी अपना वाहन खडा कर दे तो उसकी चाबियां छीन ली जाती हैं व कमरे में बुलाया जाता है । आलम तो यह कि कई बार आपसी मारपीट भी हो जाती है ।

पुलिस वालों का यही आक्रामक रवैया विवाद की वजह हर दिन बनता रहा है । जिससे इनकी कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं । स्थानीय लोगों का एक वर्ग मानने लगा है कि हालात जल्द न सुधरे तो हर दिन मारपीट होगी । उधर दलील दी जा रही है कि जिन पुलिस वालों से मारपीट के मामले सामने आ रहे हैं , उन्हें कांगड़ा के पुलिस कप्तान को अविलम्ब यहां से हटा देना चाहिये , ताकि पुलिस की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े । वहीं तमाम मामलों की जांच की मांग भी उठ रही है । कानूनी तौर पर यातायात पुलिस में वाहनों की चैकिंग हवलदार से कम रैंक का कर्मी नहीं कर सकता। लेकिन ज्वालामुखी में सबसे अधिक मुस्तैदी सिपाही ही दिख रहे हैं। कई मामलों में सिपाही मारपीट करते देखे गये। कांगडा के एस पी भी मानते हैं कि पुलिस को कागजात चैक करने के लिये खुले में जगह तय करनी चाहिये। ताकि कोई परेशान न हो।