काम पूरा पर न वेतन मिला न पेंशन, कर्मचारी महासंघ ने दी आंदोलन की चेतावनी

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By Hills Post

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेश ठाकुर ने कहा है कि शैक्षणिक सत्र को बचाने के लिए जिन अध्यापकों को दोबारा नियुक्त (पुनर्युक्त) किया गया था, उन्हें काम के बदले न तो वेतन मिला है और न ही पेंशन का लाभ। महासंघ ने इसे प्रशासनिक लापरवाही बताते हुए जल्द समाधान न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

नरेश ठाकुर ने बताया कि शिक्षा विभाग ने ही आदेश जारी किए थे कि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए सत्र की समाप्ति तक इन अध्यापकों की सेवाएं ली जाएं। इन शिक्षकों ने विभाग के आदेशों का पालन करते हुए पूरी निष्ठा से अपनी जिम्मेदारियां निभाईं। लेकिन हैरानी की बात है कि आदेश लागू होने और काम पूरा करने के बाद भी उन्हें उनका हक नहीं दिया गया।

महासंघ का कहना है कि स्पष्ट आदेशों के बावजूद वेतन और पेंशन रोकना न केवल अन्याय है, बल्कि यह विभाग की उदासीनता को भी दर्शाता है।

महासंघ की प्रमुख मांगें

कर्मचारी महासंघ ने सरकार और शिक्षा विभाग के सामने स्पष्ट मांगें रखी हैं। उनका कहना है कि पुनर्युक्ति आदेशों के तहत काम कर रहे सभी अध्यापकों का रुका हुआ वेतन तुरंत जारी किया जाए। इसके अलावा पेंशन से जुड़ी कागजी कार्रवाई पूरी कर लाभ बहाल किए जाएं। महासंघ ने यह भी कहा है कि भविष्य में ऐसी अव्यवस्था से बचने के लिए एक समयबद्ध कार्ययोजना और स्पष्ट नीति बनाई जाए।

नरेश ठाकुर ने साफ शब्दों में कहा है कि यदि शिक्षा विभाग ने समय रहते इस मामले का समाधान नहीं किया, तो महासंघ चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू करने के लिए मजबूर होगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग और सरकार की होगी।

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