शिमला: मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि आज प्रस्तुत किया गया केन्द्रीय बजट ग़रीब विरोधी, आम आदमी विरोधी और विकास विरोधी है। उन्होंने कहा कि बढ़ते मूल्यों से आम आदमी को राहत देने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है।
प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री ने आय कर में महिलाओं को किसी भी प्रकार की राहत न देकर उनके साथ भेदभाव किया है, जबकि अन्य के लिए अधिकतम सीमा को 1 लाख 60 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख 80 हजार रुपए किया गया है। उन्होंने कहा कि बढ़ती मुद्रास्फीति के समय में अन्य प्रत्यक्ष कर दाताओं को दी गयी छूट भी न के बराबर है।
प्रो. धूमल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने प्रदेश के शिक्षण और अन्य संस्थानों को किसी प्रकार की सहायता न देकर हिमाचल प्रदेश के साथ एक बार पुनः भेदभाव किया है, जबकि अन्य राज्यों की किसी न किसी रूप में सहायता की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में औद्योगिक पैकेज के विस्तार का कोई उल्लेख नहीं है, जबकि वे स्वयं बार-बार केन्द्र सरकार से इस बारे में आग्रह करते रहे हैं। इससे प्रदेश में औद्योगिक वृद्धि की दर प्रभावित होगी। केन्द्रीय बजट में जम्मू एवं कश्मीर राज्य को 8 हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया गया है, जबकि हिमाचल प्रदेश को भुला दिया गया है। हालांकि हिमाचल प्रदेश भी एक विशेष श्रेणी राज्य है। इससे यह सिद्ध होता है कि हिमाचल प्रदेश के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
प्रो. धूमल ने कहा कि कृषि क्षेत्र में दी गयी राहत भी केवल आंकड़ों का खेल है, क्योंकि इससे किसानों को शीघ्र कोई लाभ नहीं होगा।
हालांकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के पारिश्रमिक में की गयी वृद्धि स्वागत योग्य है।