केन्द्र ने ज्वालामुखी में बाईपास बनाने का प्रस्ताव ठुकराया

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ज्वालामुखी: नेशनल हाईवे की ज्वालामुखी से गुजरने वाली सडक़ में अब बाईपास नहीं बनेगा। राष्टृीय राजमार्ग न. 88 जो शिमला व धर्मशाला शहरों को आपस में जोडऩे वाली सडक़ का विस्तार होना है । इसके लिये केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय अपनी डी पी आर डीटेल रिर्पोट तैयार कर रहा है ।

नेशनल हाईवे का ज्वालामुखी में सब डिविजन स्तर का दफतर खोला गया है । जिसे इस सडक़ के पुर्ननिर्माण की योजना को भूतरूप देना हे । इस बाबत इन दिनों भड़ोली पुल से लेकर रानीताल तक सर्वे रिर्पोट बनायी जा रही है । इससे पहले नगर से बाहर से ही सडक़ को बाईपास के जरिये जोडऩे की योजना थी । लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बाईपास की योजना को मंत्रालय ने खारिज कर दिया है ।

जाहिर है अब सडक़ बीच शहर से पुराने ढंग से ही गुजरेगी । फोर लेन बनने वाली सडक़ पहले चरण में 17 मीटर चौड़ी बनेगी । जिससे प्रभावित होने वाले लोगों में खासा हडक़म्प है । दिलचस्प तथ्य यह है कि ज्यादातर बन चुकी इमारतें लोक निर्माण विभाग की जगह पर बनी हैं । इन अवैध कब्जों को हटाने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो जायेगी ।

गौरतलब है कि बाईपास बनाने में धन का अधिक खर्च हो रहा था । जिसकी बजह से यह मामला फिलहाल लटकता दिखाई दे रहा है । हांलाकि शहर में बढ़ते यातायात के मद्येनजर दलील दी जा रही है कि बाईपास बनाया जाये ।

व्यापार मण्डल के अध्यक्ष अनीस सूद ने कहा है कि ज्वालामुखी में यातायात के बढ़ते दबाब के चलते सरकार को नगर में बाईपास बनाना चाहिये । ताकि ट्रेफिक जाम व दुर्घटनाओं में कमी हो । उन्होंने कहा कि ज्वालामुखी के धर्मिक महत्व के मद्येनजर भी बाईपास बनाया जाना जरूरी हो गया है ।