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खराब सडकों के दुष्परिणामों को लेकर चौंकाने तथ्य सामने आए

नाहन: पांवटा साहिब की करीब एक दर्जन सामाजिक संस्थाओं ने खराब सडकों की वजह से होने वाले दुष्परिणामों को लेकर चौकाने वाले वैज्ञानिक तथ्य सामने रखे है। साथ ही इन तथ्यों के आधार पर राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के खिलाफ सडकों की दुर्दशा को लेकर आईपीसी की धारा 319, 320, 321 व 322 के तहत डयूटी पर कौताही बरतने का मामला दर्ज करने की मांग की है। संस्थाओं ने पुलिस अधीक्षक को सौंपे ज्ञापन में वैज्ञानिक तथ्यों को सामने रख कर इस बात की खुलासा किया है कि खराब सडकों पर सफर के कारण लोगों में रीढ की हडडी में स्पाइन का रोग पैदा होता है।

ज्ञापन में आईएसओ 2631 का हवाला देते हुए कहा गया है कि प्राकृतिक तौर पर इंसान की स्पाइन 2.1 एचजेड की फ्रिक्वेंसी सहन कर सकती है। लिहाजा सफर के दौरान अधिक तरंगों वाली फ्रिक्वेंसी से बचना चाहिए लेकिन खराब सडकों के कारण सफर के दौरान लोगों को 2.1 से अधिक फ्रिक्वेंसी तरंगे सहन करनी पड रही है। ज्ञापन के साथ संस्थाओं ने खराब सडकों के कारण होने वाले स्वास्थ्य के दुष्परिणामों को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट को वैज्ञानिक तरीके से तैयार किया है।

संस्थाओं ने सडकों की हालत न सुधरने की स्थिति में इस वैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार पर जन याचिका दायर करने की बात भी कही है। उल्लेखनीय है कि सिरमौर जिला में राज्य हाइवे की करीब एक दर्जन सडकें खस्ताहाल में है जहां लोगों को कच्ची सडकों पर सफर करने के अलावा जान भी जोखिम में डालनी पडती है। सडकों के एक किनारे पर पैराफिट नहीं बनाए गए है। लिहाजा मामूली सी चूक पर वाहनों के गहरे खडडों में लुढकने की आशंका रहती है। इस अवसर पर सुबोध अब्बी जन एकता समिति के अध्यक्ष के अलावा पांवटा साहिब की कई संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद थे।

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