पालमपुर: चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर में नाबार्ड (NABARD) पंजाब के जिला विकास प्रबंधकों की चौथी द्विमासिक बैठक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक कुमार पांडा ने बतौर मुख्य अतिथि किया। अपने संबोधन में डॉ. पांडा ने पंजाब के लिए क्लस्टर आधारित प्राकृतिक खेती मॉडल और जल संरक्षण तकनीकों को अपनाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि कृषि को लंबे समय तक टिकाऊ बनाने के लिए वैज्ञानिक नवाचारों को पारंपरिक ज्ञान के साथ जोड़ना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है, साथ ही उन्होंने देसी पशु नस्लों के संवर्धन की वकालत भी की।

कार्यक्रम में नाबार्ड पंजाब के मुख्य महाप्रबंधक विनोद कुमार आर्या विशिष्ट अतिथि और महाप्रबंधक मनोहर लाल विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. विनोद शर्मा ने स्वागत भाषण के माध्यम से विश्वविद्यालय और नाबार्ड के बीच साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। बैठक के दौरान आयोजित तकनीकी सत्रों में विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। डॉ. शिवानी कटोच ने पशु पोषण, डॉ. राकेश चहोटा ने बायोटेक्नोलॉजी और फसल सुधार, वहीं इंजीनियर आशीष धीमान ने मानव पोषण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की।
इस बैठक में पंजाब के विभिन्न जिलों से आए 20 जिला विकास प्रबंधकों ने भाग लिया और मैदानी स्तर पर चल रही विकास योजनाओं के अनुभव साझा किए। सत्र के बाद प्रतिभागियों ने विश्वविद्यालय की हाइड्रोपोनिक्स यूनिट और मॉडल डेयरी फार्म का दौरा किया, जहां उन्होंने चारे की नई उत्पादन प्रणालियों और वैज्ञानिक डेयरी प्रबंधन को करीब से देखा।