गीत के तरानों पर झूम उठे कैदी

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धर्मशाला: धर्मशाला स्थित जेल में कैदियों को तनावमुक्त करने के लिए आज सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्घारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें कैदियों द्घारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का भरपूर मनोरंजन किया और गीत के तरानों पर झूमझूम कर कैदी नाच उठे।

नाट्य निरीक्षक सतीश कुमार तथा नसीम बाला ने अपने सम्बोधन में कहा कि संगीत वह विधा है जो मनुष्य को संवेदनशील, दयालु और मानवता के प्रति प्यार भावना को जागृत करने के लिए एक सशक्त साधन है और मनुष्य संगीत के आनन्द से जहां तनावमुक्त होता है वहीं पर मनुष्य की मानसिकता में भी धीरे-धीरे परिवर्तन आने लगता है।

जेल अधीक्षक, श्री शेर चन्द ने कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि जेल में कैदियों के लिए एक बेहतर वातावरण सृजित करने की कड़ी में सांस्कृतिक गतिविधियां कैदियों की मानसिकता में परिवर्तन तथा तनावमुक्त करने के लिए सबसे अच्छा साधन हैं ताकि कैदी रिहा होने के उपरान्त समाज में बेहतर ढंग से अपना जीवन यापन कर सकें।

उन्होनें सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग से आग्रह किया कि वह हर मास कैदियों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम धार्मिक एवं सामाजिक फिल्मों का प्रदर्शन किया जाए ताकि कैदी समाज की मुख्य धारा के साथ जुड़ सकें।